भाकृअनुप-सीसीएआरआई की क्यूआरटी ने गोवा के जनजातीय क्षेत्रों में आउटरीच स्थलों का किया दौरा

भाकृअनुप-सीसीएआरआई की क्यूआरटी ने गोवा के जनजातीय क्षेत्रों में आउटरीच स्थलों का किया दौरा

8- 9 जनवरी, 2024 गोवा

भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान (सीसीएआरआई), गोवा ने 8 और 9 जनवरी, 2024 को गोवा में 5वीं पंचवर्षीय समीक्षा टीम की पहली बैठक आयोजित की।

बैठक में डॉ. एम.बी. चेट्टी, कुलपति, संस्कृति विश्वविद्यालय, मथुरा, डॉ. एम.आर. दिनेश, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु, डॉ. के.के. सिंह, डीन, संस्कृति विश्वविद्यालय, मथुरा, डॉ. पी. प्रवीण, पूर्व सहायक महानिदेशक (समुद्री मत्स्य पालन), भाकृअनुप, डॉ. आशालता के.वी., प्रोफेसर और प्रमुख कृषि सांख्यिकी विभाग, सीओए, यूएएस, धारवाड़, कर्नाटक, डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा, डॉ. गोपाल महाजन, सदस्य सचिव, क्यूआरटी, और भाकृअनुप-सीसीएआरआई कर्मचारियों की टीम ने भाग लिया।

QRT of ICAR-CCARI visits outreach sites in tribal areas of Goa  QRT of ICAR-CCARI visits outreach sites in tribal areas of Goa

टीम ने 9 जनवरी, 2024 को पश्चिमी तट क्षेत्र के पश्चिमी घाट के जंगल में स्थित आदिवासी क्षेत्रों (कैनाकोना, दक्षिण गोवा) में अनुसूचित जनजाति घटक के तहत प्रौद्योगिकी के आउटरीच एवं हस्तांतरण स्थलों का दौरा किया। टीम ने सामुदायिक कृषि क्षेत्र स्थलों गैंडोनग्रिम पंचायत, कैनाकोना के सटोरलिम, जिल्टावाड़ी और बदसारे गांवों का दौरा किया तथा वन क्षेत्रों में स्थित मिट्टी और नारियल के पत्तों की छत वाली झोपड़ियों में किसानों एवं खेतिहर महिलाओं (60 संख्या) के साथ बातचीत की। क्यूआरटी ने कृषक महिलाओं और किसानों से एक-एक करके फीडबैक लेकर हस्तक्षेपों के प्रभाव की समीक्षा की। उन्होंने भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा की एसटीसी गतिविधियों के हस्तक्षेप से पहले तथा बाद में उत्पादकता, आय एवं आजीविका विकल्पों की तुलना करके इसके प्रभाव का आकलन किया।

उन्होंने "बंजर भूमि से भरपूर फसल तक" दृष्टिकोण के लिए एसटीसी को लागू करने के लिए सावधानी पूर्वक इस दृष्टिकोण के लिए भाकृअनुप-सीसीएआरआई टीम के प्रयासों की सराहना की। क्यूआरटी ने कहा, "उत्पाद के मूल्य वर्धन और विपणन के लिए बेंचमार्क विश्लेषण के माध्यम से लाभार्थियों तथा साइटों का चयन दौरा आउटरीच गतिविधि की विशिष्टता है।"

एसटीसी के तहत किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज तथा रोपण सामग्री (नारियल, काजू, केला, काली मिर्च, दालचीनी, खेत एवं सब्जी फसलें, आदि), एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन, कृषि मशीनीकरण, सिंचाई जल अवसंरचना, आदि और क्षमता निर्माण पर हस्तक्षेप प्रदान किया गया।

उन्होंने सैटोरलिम में सिंचाई पाइपलाइन की बुनियादी ढांचे सहित एक नए पंप सेट हाउस (10 एचपी क्षमता) का उद्घाटन किया, जो ऊर्जा की बचत करने वाली गुरुत्वाकर्षण-आधारित सिंचाई के साथ सिंचाई की जरूरतों को पूरा करेगा। क्यूआरटी ने कृषक समुदाय के व्यापक प्रसार और संवेदीकरण के लिए प्रकाशनों एवं वीडियो के रूप में गतिविधियों के प्रभाव का दस्तावेजीकरण करने की सिफारिश की।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)

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