20 दिसंबर, 2023, गोवा
नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान (सीसीएआरआई), गोवा ने आज सतत सजावटी मछली संस्कृति के प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से उद्यमशीलता विकास तथा आजीविका सुधार के लिए उत्तरी गोवा के कंबरजुआ में एक छोटे पैमाने की सजावटी मछली संस्कृति इकाई की स्थापना की। सहयोगात्मक प्रयास का उद्देश्य सजावटी मछली संस्कृति में स्थायी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित करना था।
नाबार्ड गोवा के महाप्रबंधक, डॉ. मिलिंद भिरुद ने सजावटी मछली पालन की आर्थिक क्षमता पर जोर दिया। डॉ. भिरुद ने नाबार्ड की भूमिका की सराहना की, निरंतर वित्तीय सहायता देने का वादा किया तथा एसएचजी को सजावटी मछली केन्द्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री त्रिवेश सुरेश मयेकर, वैज्ञानिक ने पूरे गोवा में इसी तरह की इकाइयों के लिए परियोजना के उद्देश्यों तथा योजनाओं की रूपरेखा तैयार की।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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