भाकृअनुप संस्थानों ने विश्व मृदा दिवस- 2023 मनाया

भाकृअनुप संस्थानों ने विश्व मृदा दिवस- 2023 मनाया

5 दिसंबर, 2023

विश्व मृदा दिवस हर वर्ष 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मृदा प्रबंधन में चुनौतियों का समाधान करके और मृदा जैव विविधता का मुकाबला करके पारिस्थितिकी तंत्र एवं मानव कल्याण को बनाए रखने में मिट्टी के महत्व के बारे में किसानों और नागरिकों को शिक्षित करना है।

भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, नबीबाग, भोपाल

भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, नबीबाग, भोपाल ने 06 दिसंबर, 2023 को किसान-वैज्ञानिक संवाद बैठक सह कार्यशाला का आयोजन किया।

ICAR-Indian Institute of Soil Science, Nabibagh, Bhopal

डॉ. एस.पी. दत्ता, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएसएस, भोपाल ने जीवन के स्रोत के रूप में मिट्टी और पानी के महत्व पर जोर दिया।

किसानों ने विभिन्न फसलों में गुणवत्तापूर्ण बीज सामग्री, मशीनरी एवं पोषक तत्व प्रबंधन में गहरी रुचि दिखाई। ग्राम सरपंच ने विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी तथा किसानों को नई तकनीकों के प्रति प्रेरित भी किया।

ग्राम सरपंच, श्री सार्जन सिंह 100 किसानों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए।

भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर

भाकृअनुप-सीआईएफआरआई ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित थीम "मृदा और जल: जीवन का एक स्रोत" पर आज अपने मुख्यालय में अपने सभी क्षेत्रीय केन्द्रों को जोड़ते हुए ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में 'विश्व मृदा दिवस-2023' मनाया।

ICAR-Central Inland Fisheries Research Institute, Barrackpore

डॉ. निहारेंदु साहा, प्रोफेसर, कृषि रसायन विज्ञान और मृदा विज्ञान विभाग, बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय, मोहनपुर, नादिया, पश्चिम बंगाल, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने सामान्य रूप से कृषि और विशेष रूप से मत्स्य पालन में मिट्टी के महत्व और मृदा दिवस मनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. साहा ने ऊपरी मिट्टी के नुकसान, कृषि उत्पादन के लिए खतरा, क्षरण और प्रदूषण, पारिस्थितिकी तंत्र और प्रकृति को खतरे के बारे में चेतावनी दी। उन्होंने ऐसे परिणामों को रोकने के उपाय सुझाये।

भाकृअनुप-सीआईएफआरआई के निदेशक, डॉ. बी.के. दास ने मछली उत्पादन में मिट्टी, पानी और संतुलित पोषण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने मछुआरों के बीच सूचना प्रसारित करने में भाकृअनुप-सीआईएफआरआई के प्रयासों पर चर्चा की। डॉ. दास ने अंतर्देशीय खुले पानी के मछुआरों के लिए संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों पर भी चर्चा की।

भाकृअनुप-सीआईएफआरआई ने पश्चिम बंगाल के निचले गंगा क्षेत्र के 20 प्रमुख बाढ़ वाले आर्द्रभूमि के मछुआरों को जल तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए।

कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, छात्रों, अनुसंधान विद्वानों और मछुआरों (14 महिला मछुआरों सहित कुल 30 संख्या) सहित कुल 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, वाशिम

भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, वाशिम ने मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए आज टिकाऊ मृदा प्रबंधन प्रथाओं के बारे में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, वाशिम

विशेषज्ञों ने जिले के मृदा उर्वरता सूचकांक के बारे में बताया और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन गतिविधियों के पोषण में केवीके की भूमिका के बारे में जानकारी दी। विशेषज्ञों ने फसल चक्र, नैनो उर्वरक और जैविक कार्बन में सुधार के उपाय भी बताए।

कार्यक्रम के दौरान लाभार्थी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये।

भाकृअनुप-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी

आज 'मृदा और जल: जीवन का एक स्रोत' विषय पर 'विश्व मृदा दिवस' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र में मिट्टी के स्वास्थ्य और पानी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

ICAR - Indian Grassland and Fodder Research Institute, Jhansi 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री रवि शर्मा, सदस्य विधान सभा, सदर, झाँसी थे। उन्होंने किसानों से मिट्टी और पानी का संरक्षण करने और पोषक तत्वों और पानी के कुशल उपयोग के लिए संतुलित उर्वरकों और सूक्ष्म सिंचाई का उपयोग करने के साथ-साथ बुंदेलखण्ड क्षेत्र में कम पानी की आवश्यकता वाली फसलें उगाने का आग्रह किया। किसानों को कुल 24 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये।

डॉ. वी.के. यादव, निदेशक (कार्यवाहक), भाकृअनुप-आईजीएफआरआई ने आने वाली पीढ़ियों के लाभ के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला और किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन और मानव पोषण में बाजरा के महत्व के बारे में सलाह दी।

इस कार्यक्रम में झाँसी जिले के 3 गाँवों (अर्थात गणेशगढ़, रामगढ़ और पलिंडा) के 30 किसानों ने भाग लिया।

भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई

भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई ने आज 'मृदा और जल: जीवन का एक स्रोत' विषय के तहत विश्व मृदा दिवस मनाया।

ICAR-Central Institute for Research on Cotton Technology, Mumbai

डॉ. एस.के. शुक्ला, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईआरसीओटी, रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से जैविक उर्वरकों की ओर बदलाव की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हैं।

अन्य विशेषज्ञ बायोमास की एरोबिक कंपोस्टिंग की प्रक्रिया और जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग पर इसके फायदे, सी/ एन अनुपात निर्धारित करने के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।

इस कार्यक्रम में संस्थान के स्टाफ एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।

भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा

भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा और कृषि विज्ञान केन्द्र, उत्तरी गोवा ने चोडन गांव, उत्तरी गोवा में विश्व मृदा दिवस मनाया। उत्सव का उद्देश्य चोडन द्वीप के अद्वितीय तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन एवं सुधार के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।

ICAR – Central Coastal Agricultural Research Institute, Goa

मुख्य अतिथि, श्री रवीन्द्र किनलकर, सरपंच, माडेल-चोडन पंचायत, तिस्वाड़ी, गोवा ने मिट्टी के नमूने एकत्र करने और किसानों को आवश्यक सलाह के साथ मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करने में भाकृअनुप-सीसीएआरआई और केवीके के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर भविष्य की अनुवर्ती गतिविधियों के लिए पूरे दिल से समर्थन सुनिश्चित किया।

भाकृअनुप-सीसीएआरआई के प्रभारी निदेशक, डॉ. अनुराग रायजादा ने प्रतिभागियों से अभियान को सफल बनाने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।

रघुवीर तथा प्रेमवती हायर सेकेंडरी स्कूल, चोडन के प्रिंसिपल ने विश्व मृदा दिवस समारोह में छात्रों को शामिल करने के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया और कहा कि इसने छात्रों को हमारे जीवन में मिट्टी की भूमिका एवं महत्व के प्रति संवेदनशील बनाया है।

इस उत्सव में किसानों, छात्रों, पंच सदस्यों, जिला पंचायत कर्मचारियों, कृषि विभाग के अधिकारियों और प्रेस और मीडिया कर्मियों सहित 112 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, नामसाई

भाकृअनुप-एनईएच क्षेत्र, अरुणाचल प्रदेश के लिए भाकृअनुप आरसी के तहत कृषि विज्ञान केन्द्र, नामसाई ने केवीके कार्यालय परिसर में विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया।

ICAR- Krishi Vigyan Kendra, Namsai

डॉ. उत्पल बरुआ, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, केवीके ने विश्व मृदा दिवस तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) के उत्सव के महत्व पर जोर दिया।

किसानों को कुल 14 एसएचसी वितरित किए गए और कार्यक्रम के दौरान 45 किसान/ कृषि महिलाएं/ एसएचजी और केवीके कर्मचारी उपस्थित थे।

भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून

भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून ने विश्व मृदा दिवस पर देहरादून जिले के तीन अलग-अलग स्थानों पर किसानों के साथ एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

ICAR-Indian Institute of Soil and Water Conservation, Dehradun

भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यू के निदेशक, डॉ. एम. मधु ने संस्थान की कार्यप्रणाली पर व्याख्यान देते हुए कहा कि संस्थान किस प्रकार किसानों की प्रगति तथा हिमालयी राज्यों के प्राकृतिक संरक्षण प्रबंधन में कैसे योगदान दे रहा है। उन्होंने कृषि से जुड़े किसानों को घास काटने वाली मशीनें भी वितरित कीं।

कार्यक्रम में कुल 74 किसानों ने भाग लिया।

विश्व मृदा दिवस- 2023 और कृषि शिक्षा दिवस- 2023 संयुक्त रूप से 05 दिसंबर, 2023 को भाकृअनुप-राष्ट्रीय ऑर्किड अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीओ), पाकयोंग, सिक्किम में मनाया गया

एनआरसीओ के निदेशक, डॉ. एस.पी. दास ने “कृषि शिक्षा दिवस और विश्व मृदा दिवस- 2023 की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय/ विश्व दिवस समारोहों की प्रासंगिकता” पर प्रकाश डाला। उन्होंने "कृषि शिक्षा-सतत हरित ग्रह की ओर एक क्षेत्र" पर भी व्याख्यान दिया।

World Soil Day-2023 and Agriculture Education Day-2023 celebrated jointly on 05th of December 2023 at ICAR-National Research Centre for Orchids (NRCO), Pakyong, Sikkim.     Dr. S. P. Das, Director, NRCO highlighted the “Relevance of International/World Days Celebrations vis-a-vis Agricultural Education Day and World Soil Day-2023. He also delivered a talk on “Agriculture Education-A Realm Towards Sustainable Green Planet”.     Dr. Dipankar Saha, Senior Scientist and as a co-ordinator of this celebration program conducted an Interactive session “Intellectual Property Rights-Fundamentals & Applications: A Relational Matrix with Innovations on Soil Sciences Research and Development”.     Mr. Manoj Kumar Singh, Principal, Jawahar Navodaya Vidyalaya, Pakyong, Sikkim in his address highlighted about the ethical and value-based principles rejuvenation amongst students and others of the society for nature and its resources conservation aiming for a sustainable future.     Father Francis Xavier Banerjee, Principal St Xavier School, Pakyong, Sikkim spoke on responsibility of the citizens towards mother earth.     Guests and Director of the institute distributed the seed kit to the farmers participants and motivated the students.  World Soil Day-2023 and Agriculture Education Day-2023 celebrated jointly on 05th of December 2023 at ICAR-National Research Centre for Orchids (NRCO), Pakyong, Sikkim.     Dr. S. P. Das, Director, NRCO highlighted the “Relevance of International/World Days Celebrations vis-a-vis Agricultural Education Day and World Soil Day-2023. He also delivered a talk on “Agriculture Education-A Realm Towards Sustainable Green Planet”.     Dr. Dipankar Saha, Senior Scientist and as a co-ordinator of this celebration program conducted an Interactive session “Intellectual Property Rights-Fundamentals & Applications: A Relational Matrix with Innovations on Soil Sciences Research and Development”.     Mr. Manoj Kumar Singh, Principal, Jawahar Navodaya Vidyalaya, Pakyong, Sikkim in his address highlighted about the ethical and value-based principles rejuvenation amongst students and others of the society for nature and its resources conservation aiming for a sustainable future.     Father Francis Xavier Banerjee, Principal St Xavier School, Pakyong, Sikkim spoke on responsibility of the citizens towards mother earth.     Guests and Director of the institute distributed the seed kit to the farmers participants and motivated the students.

वरिष्ठ वैज्ञानिक और इस उत्सव कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में डॉ. दीपांकर साहा ने एक इंटरएक्टिव सत्र "बौद्धिक संपदा अधिकार-बुनियादी सिद्धांत और अनुप्रयोग: मृदा विज्ञान अनुसंधान और विकास पर नवाचारों के साथ एक संबंधपरक मैट्रिक्स" का आयोजन किया।

World Soil Day-2023 and Agriculture Education Day-2023 celebrated jointly on 05th of December 2023 at ICAR-National Research Centre for Orchids (NRCO), Pakyong, Sikkim.     Dr. S. P. Das, Director, NRCO highlighted the “Relevance of International/World Days Celebrations vis-a-vis Agricultural Education Day and World Soil Day-2023. He also delivered a talk on “Agriculture Education-A Realm Towards Sustainable Green Planet”.     Dr. Dipankar Saha, Senior Scientist and as a co-ordinator of this celebration program conducted an Interactive session “Intellectual Property Rights-Fundamentals & Applications: A Relational Matrix with Innovations on Soil Sciences Research and Development”.     Mr. Manoj Kumar Singh, Principal, Jawahar Navodaya Vidyalaya, Pakyong, Sikkim in his address highlighted about the ethical and value-based principles rejuvenation amongst students and others of the society for nature and its resources conservation aiming for a sustainable future.     Father Francis Xavier Banerjee, Principal St Xavier School, Pakyong, Sikkim spoke on responsibility of the citizens towards mother earth.     Guests and Director of the institute distributed the seed kit to the farmers participants and motivated the students.

श्री मनोज कुमार सिंह, प्राचार्य, जवाहर नवोदय विद्यालय, पाकयोंग, सिक्किम ने अपने संबोधन में एक स्थायी भविष्य के लक्ष्य के साथ प्रकृति और इसके संसाधनों के संरक्षण के लिए छात्रों और समाज के अन्य लोगों के बीच नैतिक और मूल्य-आधारित सिद्धांतों के बारे में प्रकाश डाला।

फादर फ्रांसिस जेवियर बनर्जी, प्रिंसिपल, सेंट जेवियर स्कूल, पाकयोंग, सिक्किम ने धरती माता के प्रति नागरिकों की जिम्मेदारी पर बात की।

अतिथियों एवं संस्थान के निदेशक ने कृषक प्रतिभागियों को बीज किट वितरित की तथा विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।

भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्कभूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद

भाकृअनुप-सीआरआईडीए ने विभिन्न स्थानों पर "मृदा और जल: जीवन का एक स्रोत" थीम के साथ विश्व मृदा दिवस मनाया। इस थीम का मुख्य उद्देश्य लोगों को मिट्टी के बारे में जागरूक करना, पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे बनाए रखना है और मिट्टी की उपयोगिता और महत्व के बारे में जागरूकता कैसे फैलाना है।

प्रथम. चिंदानूर गांव, चिंचोली तालुका, कालाबुरागी जिला, कर्नाटक यह आयोजन एससी सबप्लान के तहत आयोजित किया गया था।

इस कार्यक्रम में चिंदानूर गांव के 70 किसानों ने भाग लिया। किसानों के साथ मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार के विभिन्न तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई। मृदा परीक्षण के लिए मृदा नमूनाकरण तकनीक का प्रदर्शन किसानों के क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा किया गया। बाद में, मृदा परीक्षण किट का उपयोग करके विभिन्न मृदा मापदंडों जैसे पीएच, ईसी और कार्बनिक कार्बन का विश्लेषण किसानों को दिखाया गया।

ICAR-Central Research Institute for Dryland Agriculture, Hyderabad

द्वीतीय. 5 दिसंबर, 2023 को टीएसपी द्वारा गोद लिए गए गांव मलकापुर, आदिलाबाद, तेलंगाना में विश्व मृदा दिवस मनाया गया।

इस कार्यक्रम में 100 से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिनमें बड़ी संख्या में महिला किसान भी शामिल थीं. वैज्ञानिकों ने फसल पोषक तत्वों की मांग के लिए संतुलित उर्वरक अनुप्रयोग के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व पर प्रकाश डाला।

ICAR-Central Research Institute for Dryland Agriculture, Hyderabad

तृतीय. 5 दिसंबर, 2023 को फार्मर फर्स्ट द्वारा गोद लिए गए गांव में विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया

III. World Soil Day was organized at Farmer FIRST adopted village on 5th December 2023

किसानों, वैज्ञानिकों और राज्य विभाग के अधिकारियों के साथ मृदा स्वास्थ्य के मुद्दों पर एक चर्चा आयोजित की गई। बाद में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये।

(स्रोत: संबंधित भाकृअनुप संस्थान)

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