भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा में कृषक-वैज्ञानिक संवाद बैठक आयोजित

भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा में कृषक-वैज्ञानिक संवाद बैठक आयोजित

26-27 मार्च, 2023, अल्मोड़ा

भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसन्धान संस्थान द्वारा प्रायोजित परियोजना, कृषि प्रौद्योगोकियों के प्रभाव एवं आकलन के अंतर्गत संस्थान द्वारा विकसित की गयी गेहूं एवं मंडुवा की प्रजातियों का प्रदर्शन किया गया। इस प्रजाति का पर्वतीय कृषकों की आर्थिक विकास के लिए इसके मूल्यांकन के उद्देश्य से कृषक-वैज्ञानिक संवाद बैठक का आज आयोजन किया गया।

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इस संवाद में अल्मोड़ा जिले के नौगांव, धौलादेवी, बागेश्वर के फरसाली, तुपेड़, उधम सिंह नगर के झनकट एवं नकुलिया तथा देहरादून जिले के धन पौगाँव के कृषकों एवं कृषक महिलाओं ने भागीदारी की।  कार्यक्रम में संस्थान द्वारा विकिसत तथा कृषकों द्वारा अंगीकृत की गयी गेहूं की प्रजातियां नामतः ‘वीएल गेहूं 829 एवं वीएल गेहूं 907‘ तथा मंडुवा (रागी) की प्रजाति ‘वीएल मंडुवा 352‘ का किसानों के समक्ष प्रस्तुत की गई। इस प्रजाति को स्थानीय प्रजातियों से विभिन्न गुणों, जैसे - उपज, बाली का आकार एवं प्रकार, स्वाद, बाजार मूल्य, चारा उपलब्धता, आदि पैमानों के आधार पर तुलना भी की गई।

किसानों द्वारा इन प्रजातियों की उपज में संसाधनों की लगात का भी आंकलन किया गया। इन पर कृषकों एवं कृषक महिलाओं के विचार को अलग-अलग चिन्हित किए गए। इस आकलन में गेहूं की प्रजातियों के लिए कृषकों के आंकड़े - सिंचित एवं असिंचित दशाओं में प्रदर्शन के आधार पर चिन्हित किए गए। संस्थान ने इन आंकड़ों का महत्त्व नवीन प्रजातियों के विकास एवं उनके प्रभाव के आंकलन के लिए महत्वपूर्ण बताया।

इस वीएल मंडुवा 352 पर आयोजित कृषक वैज्ञानिक संवाद में कुल 52 एवं वीलएल गेहूं 907 तथा 829 पर आयोजित कृषक वैज्ञानिक संवाद में कुल 40 कृषकों ने प्रतिभाग किया। इन संवादों में प्रतिभाग कर रहे कृषकों ने संस्थान के 46वें कृषि विज्ञान मेले में भी प्रतिभागिता कर संस्थान की नवीन तकनीकियों पर जानकारी प्राप्त की।

यहां, कृषक वैज्ञानिक संवाद बैठक का संयोजन डॉ. कुशाग्र जोशी, डॉ. राजेश खुल्बे, डॉ. दिनेश जोशी, डॉ. नवीन गत्याडी एवं डॉ. देवेंदर शर्मा द्वारा किया गया।

(स्रोतः भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)

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