7 अक्टूबर, 2023, जोधपुर
भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी), जोधपुर में आयोजित 'किसान-वैज्ञानिक संवाद' कार्यक्रम में किसानों तथा वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की। उन्होंने किसानों से बेहतर आजीविका विकास के लिए अपनी उत्पादन मॉडल को बिजनेस मॉडल पर आधारित करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि कैसे कृषि और कृषि-व्यवसाय पसंदीदा व्यवसाय बन गया है साथ ही उन्होंने किसानों से अपने बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को कृषि-संबंधी व्यवसाय में संलग्न करने का आह्वान किया। उन्होंने दुनिया भर में मूल्यवर्धित उत्पादों की बढ़ती आवश्यकता का उदाहरण दिया और इस बात पर प्रकाश डाला कि किसानों को अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए एफपीओ और अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से खुद को शामिल करना चाहिए। माननीय उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किसान देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं क्योंकि कृषि उपज सबसे बड़ा बाजार है। किसानों की कड़ी मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के कारण देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है, जिसमें नीति निर्माताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उपराष्ट्रपति ने शुष्क क्षेत्रों में पेड़ों की भूमिका पर प्रकाश डालने के लिए एक पौधा भी लगाया।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने वर्चुअल माध्यम से दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि पानी की तरह कृषि भी जीवन और हमारे अस्तित्व का आधार है। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए सक्रिय कार्रवाई के प्रधानमंत्री के आह्वान पर जोर दिया। उन्होंने कृषक समुदाय से केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई कई महत्वपूर्ण योजनाओं, जैसे- पीएम फसल बीमा, पीएम किसान समृद्धि, किसान क्रेडिट कार्ड, एफपीओ आदि का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने इस रेतीले रेगिस्तान क्षेत्र को फसलों, बागवानी और सब्जियों के लिए उत्पादक भूमि में बदलने के लिए काजरी और अन्य भाकृअनुप संस्थानों द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों पर गर्व किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के बदलाव छोटे और सीमांत किसानों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान और इसके आसपास के राज्यों के श्री अन्न उत्पादकों को केन्द्र सरकार की केन्द्रित कार्रवाई का लाभ मिलेगा, जिससे श्री अन्न फसलों के साथ-साथ मूल्यवर्धित श्री अन्न उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई होगी। विशेष रूप से साल भर चलने वाले कार्यक्रमों - अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न (मिलेट्स) वर्ष - 2023 और जी-2 शिखर सम्मेलन के दौरान श्री अन्न तथा इसके उत्पादों के उपयोग को बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रेगिस्तान में रेत के टीलों के स्थिरीकरण के क्षेत्र में काजरी के प्रभावी योगदान पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप रेतीले तूफानों की संख्या में कमी आई है। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री कैलाश चौधरी ने शुष्क क्षेत्रों में नई प्रौद्योगिकियों के विकास और उसकी तैनाती में काजरी के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि खेती में ड्रोन के बढ़ते उपयोग से कृषि कार्यों के प्रबंधन में भारी बदलाव आएगा।
श्री राजेन्द्र गहलोत, सांसद (राज्यसभा) और श्रीमती सूर्यकांत व्यास, विधायक इस अवसर पर उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इससे पहले, भाकृअनुप-काजरी के निदेशक, डॉ. ओ.पी. यादव ने नई फसलों तथा किस्मों को पेश करने, मिट्टी और पानी के प्रबंधन एवं बेहतर बीज तथा गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री की आपूर्ति में संस्थान के अनुसंधान परिणामों के बारे में जानकारी दी, जिससे शुष्क क्षेत्रों के कृषि उत्पादन में नए आयाम जुड़े हैं।
कृषि किसान संवाद कार्यक्रम में लगभग 3000 किसानों एवं कृषि उद्यमियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें