24 अगस्त 2023, करनाल
भाकृअनुप-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल ने केन्द्रीय क्षेत्र योजना के तहत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन और बढ़ावा देने के लिए एनपीएमए (राष्ट्रीय परियोजना प्रबंधन एजेंसी) के सहयोग से 24 अगस्त, 2023 को एक दिवसीय ऑनलाइन "गेहूं और जौ आधारित एफपीओ के लिए प्रशिक्षण और क्षमता विकास" का आयोजन किया।
भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक, डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि संस्थान ने गेहूं की 10 किस्मों को बढ़ावा देने के लिए एफपीओ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कार्यक्रम, भाग लेने वाले एफपीओ को, गेहूं और जौ प्रौद्योगिकियों को क्षैतिज रूप से फैलाने का अवसर देगा।
डॉ. सेवा राम, पीआई क्वालिटी ने उल्लेख किया कि सफेद आटे के बजाय, हमें साबुत गेहूं के आटे या मिश्रित आटे से उत्पाद बनाने की जरूरत है। संस्थान ने प्रदर्शित किया कि गुणवत्ता और उपज में विपरीत संबंध नहीं है। संस्थान के पास छोटे नमूनों से अनाज की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकें हैं।
डॉ. ओमवीर सिंह, पीआई, जौ ने उल्लेख किया कि जौ एक स्वास्थ्यवर्धक भोजन है और इसे एफपीओ के माध्यम से बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भूसी रहित जौ की किस्में स्वास्थ्य सुधार तथा उत्कृष्ट उत्पाद विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
डॉ. रणधीर सिंह, पीआई, सामाजिक विज्ञान ने उल्लेख किया कि अब आगे बढ़ने के लिए कच्चे माल को संसाधित करने और उत्पाद बनाने का समय आ गया है।
प्रतिभागियों की इच्छा थी कि प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है। गेहूं और जौ से उत्पाद विकसित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज प्राप्त करने में उनकी गहरी रुचि थी। वे संस्थान द्वारा उत्पाद विशिष्ट प्रशिक्षण चाहते थे। किसानों का मानना है कि एफपीओ गांवों में बीज ग्राम स्थापित करने से कच्चे माल से संबंधित समस्याओं का समाधान होगा।
सभी प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों से लगभग 215 एफपीओ इस कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल)
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