16-19 मई, 2023, ऐरोली
भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर), लखनऊ ने तटीय और समुद्री जैव विविधता केन्द्र, मैंग्रोव फाउंडेशन, महाराष्ट्र सरकार, ऐरोली के परिसर में स्वदेशी क्लाउन मछलियों के बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन के लिए एक मास्टर प्रजनन सुविधा की स्थापना की। महाराष्ट्र के तटीय मछुआरों की आजीविका के लिए सजावटी बीज उत्पादन पहल को लोकप्रिय बनाने के लिए भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने संभावित लाभार्थियों के लिए क्लाउन मछली पालन पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जिसमें उनके आजीविका विकास के लिए, क्लस्टर मोड में, मत्स्य पालन इकाइयों की स्थापना की गई।
वर्तमान में, सिंधुदुर्ग तथा रत्नागिरी जिलों के 15 गांवों में 16 इकाइयां स्थापित की गई हैं, जहां 102 लाभार्थियों ने क्लाउनफ़िश-पालन प्रोटोकॉल को सफलतापूर्वक अपनाया है और नियमित आय अर्जित कर रहे हैं। इस विधि से उत्पादित लगभग 1.5 से 2 माह पुराने क्लाउनफिश बीजों को लाभार्थी पालन इकाइयों को नि:शुल्क आपूर्ति की जा रही है। इस प्रकार आपूर्ति किए गए बीजों को लाभार्थियों द्वारा दो महीने के लिए पाला जाता है और इससे आय श्रृजन के लिए विपणन किया जाता है।
आगे क्षमता निर्माण के लिए, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने 16-19 मई, 2023 के दौरान मैंग्रोव फाउंडेशन, महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से 'समुद्री सजावटी मछली पालन' पर दो बैचों में प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया।
डॉ. यू.के. सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।
श्री हृषिकेश राणे, सहायक निदेशक (क्षमता निर्माण), मैंग्रोव फाउंडेशन, महाराष्ट्र सरकार ने भी इस अवसर पर बात की।
प्रशिक्षण में पालघर, सिंधुदुर्ग तथा रत्नागिरी जिलों के कुल 50 मत्स्य पालक किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)
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