डॉ. आर.एस. परोदा ने भाकृअनुप-काजरी का किया दौरा

डॉ. आर.एस. परोदा ने भाकृअनुप-काजरी का किया दौरा

8- 9 फरवरी, 2024, जोधपुर

पद्म भूषण डॉ. आर.एस. परोदा, पूर्व सचिव, (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने 8- 9 फरवरी 2024 को भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी), जोधपुर का दौरा किया। उन्होंने प्रायोगिक क्षेत्र का दौरा किया और एकीकृत फसल कैफेटेरिया, कम लागत वाले प्लेहाउस के कामकाजी मॉडल और संस्थान के सटीक खेती ब्लॉक में स्वचालित इनपुट वितरण प्रणाली की सराहना की। डॉ. परोदा को वैज्ञानिकों के साथ चर्चा के दौरान सूखाग्रस्त क्षेत्रों में किसानों की आय, आजीविका और पोषण सुरक्षा पर हस्तक्षेपों के प्रभाव के बारे में भी बताया गया।

Dr. R.S. Paroda visits ICAR-CAZRI

डॉ. परोदा ने शुष्क क्षेत्रों में थार रेगिस्तान के टीलों को हरियाली में स्थानांतरित करने और कृषि-प्रौद्योगिकियों को विकसित करने तथा तैनात करने में संस्थान की भूमिका को स्वीकारा, जिससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि हुई, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि दुनिया की चुनौतीपूर्ण कृषि-पारिस्थितिकी-प्रणाली में शुमार क्षेत्रों की कृषि के लचीलेपन में भी वृद्धि हुई।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि में प्रगति ने देश को आत्मनिर्भर बनाया है, और धान, दालों एवं फलों जैसे विभिन्न कृषि उत्पादों के निर्यात को सक्षम बनाया है। डॉ. परोदा ने किसानों के उत्पादन और आय को बढ़ाने, बाजारों तथा नवीनतम ज्ञान तक पहुंच प्रदान करने साथ ही युवाओं को खेती एवं कृषि उद्यमिता में संलग्न होने के लिए प्रेरित करने में नवाचार के महत्व पर जोर दिया। कोविड महामारी ने स्थानीय खाद्य पदार्थों पर ध्यान केन्द्रित करने, फसल कटाई के बाद प्रसंस्करण एवं मूल्य वर्धित कृषि उपज को लागू करने की आवश्यकता को बाध्यकारी बना दिया है।

इससे पहले, भाकृअनुप-काजरी के निदेशक, डॉ. ओ.पी. यादव ने संस्थान की अनुसंधान रणनीतियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान जोधपुर, राजस्थान)

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