17 अक्टूबर 2023, रेजिडेंट
कृषि अनुसंधान सेवा (एफओसीएआरएस) के लिए 113वां फाउंडेशन कोर्स आज भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (नार्म), हैदराबाद में सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
डॉ. बीएन माथुर, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-एनडीआरआई और नार्म, समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से वैश्विक हित के क्षेत्रों, जैसे- एआई और सटीक कृषि के साथ अधिक लाभप्रदता के लिए कृषि प्रबंधन, पोषण संबंधी प्रतिभूतियों से परे देखना, पर्यावरण की रक्षा करना और माइक्रोबायोम-केन्द्रित खाद्य उत्पादों पर शोध करने का आग्रह किया।
समापन कार्यक्रम के दौरान उप-महानिदेशक (कृषि शिक्षा) डॉ. आर.सी. अग्रवाल सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने वैज्ञानिकों को समाज में उद्यमी के रूप में योगदान के लिए अपने विषयों में सशक्त बनने की सलाह दी। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि वैज्ञानिकों को इस बात पर भी आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि वे सामान्य रूप से समुदाय और देश और विशेष रूप से भाकृअनुप के लिए क्या कर सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकृअनुप-नार्म के निदेशक, डॉ. चिरुकमल्ली श्रीनिवास राव ने की। उन्होंने सभी वैज्ञानिक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बधाई दी और उन्हें सलाह दी कि वे जहां भी तैनात हों, देश और किसानों के लिए काम करें। डॉ. श्रीनिवास ने इस बात पर जोर दिया कि वैज्ञानिकों को उद्योग और बाजार दोनो के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें क्षेत्र-आधारित वैज्ञानिक होना चाहिए, उनका ध्यान हमारे देश की बदलती कृषि-खाद्य प्रणाली पर होना चाहिए और विभिन्न विषयों पर काम करना चाहिए।
इससे पहले, डॉ. जी. वेंकटेश्वरलु, संयुक्त निदेशक, भाकृअनुप-नार्म ने समापन कार्यक्रम के लिए अतिथि और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।
प्रशिक्षण 3 चरणों में आयोजित किया गया। पहला चरण अभिविन्यास एवं क्षमता निर्माण प्रदान करना था, दूसरा चरण फील्ड अनुभवात्मक प्रशिक्षण (एफईटी) के रूप में था और तीसरे चरण में बहु-विषयक परिप्रेक्ष्य शामिल था।
प्रशिक्षण में 32 विषयों का प्रतिनिधित्व करने वाले 69 वैज्ञानिक और 21 राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों की 27 महिला वैज्ञानिक शामिल थीं।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद)
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