15-16 मई, 2023, आनंद
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पुणे ने भाकृअनुप-औषधीय एवं सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय (डीएमएपीआर) के सहयोग से गुजरात तथा गोवा के केवीके की दो दिवसीय वार्षिक कार्य योजना कार्यशाला का आयोजन भाकृअनुप-डीएमएपीआर, आणंद में 15 -16 मई, 2023 के दौरान किया। कार्यशाला का उद्घाटन 15 मई, 2023 को हुआ।
उद्घाटन संबोधन में डॉ. के.बी. कथीरिया, कुलपति, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, ने केवीके की आकस्मिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं से संसाधनों के उपयोग के महत्व के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने केवीके की कार्य योजना में ड्रोन एप्लिकेशन, नैनो यूरिया आदि जैसी नई तकनीकों को शामिल करने पर भी जोर दिया। उन्होंने विस्तार शिक्षा निदेशकों से एसएयू द्वारा नई जारी प्रौद्योगिकियों की आपूर्ति के माध्यम से केवीके को बैकस्टॉपिंग प्रदान करने का आग्रह किया।
विस्तार शिक्षा निदेशक, डॉ. एच.बी. पटेल, डीईई, एएयू, आनंद, डॉ. एन.एम. चौहान, डीईई, एनएयू, नवसारी, डॉ. ए.जी. पटेल, डीईई, एसडीएयू, एस.के. नागर तथा डॉ. एच.सी. कार्यशाला के दौरान अलग-अलग तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता और सह-अध्यक्षता छोड़वाडिया, एसोसिएट डीईई, जेएयू, जूनागढ़ ने की।
डॉ. एस.के. रॉय, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे ने उल्लेख किया कि केवीके एक फ्रंटलाइन विस्तार प्रणाली है तथा केवीके को राज्य के विभागों जैसे अन्य विस्तार प्रणाली से खुद को अलग करना होगा। उन्होंने सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करने के लिए गुजरात में एसएयू की भी सराहना की और कहा कि इन उदाहरणों का सभी मेजबान संगठनों द्वारा पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने केवीके से आग्रह किया कि वे केवीके के नए शासनादेशों के अनुसार अपनी गतिविधियों को पुनर्निर्देशित करें।
समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, डॉ. मनीष दास, निदेशक, भाकृअनुप-डीएमएपीआर, आनंद ने केवीके द्वारा किए गए कार्यों और किसानों के दरवाजे तक प्रौद्योगिकियों को ले जाने में उनकी भूमिका की सराहना की।
इस अवसर पर गुजरात, गोवा तथा महाराष्ट्र के 33 केवीके के प्रमुखों ने आगामी वर्ष - 2023 के लिए अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में कुल करीब 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे)
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