31 मई, 2023, गोवा
भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा ने आज कृषि निदेशालय, पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवा निदेशालय, मत्स्य निदेशालय, गोवा सरकार, गोवा राज्य जैव विविधता बोर्ड, गोवा राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के अधिकारियों के साथ कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न अनुसंधान योग्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भाकृअनुप-सीसीएआरआई, ओल्ड गोवा में एक इंटरफेस बैठक आयोजित की।
डॉ. प्रवीण कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने लाइन विभागों के साथ इंटरफेस बैठकें आयोजित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने, आगे, गोवा में कृषि क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं जैसे कम उत्पादकता और कम फसल सघनता पर जोर दिया तथा गोवा की कृषि को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उपयुक्त समाधान सुझाए।

श्री नेविल अल्फोंसो, निदेशक, कृषि निदेशालय, गोवा सरकार ने जलवायु परिवर्तन के आलोक में काजू जैसी प्रमुख फसलों के लिए इनके उपजाने के विधियों को विकसित करने तथा टिकाऊ उपज के लक्ष्य पर प्रकाश डाला।
गोवा सरकार के मत्स्य निदेशालय की निदेशक, डॉ. शमिला मोंटेइरो ने अपनी टिप्पणी में उल्लेख किया कि पिछले साल मछली पकड़ने में वृद्धि हुई थी जिसके कारण उलकी पर्याप्त उपलब्धता एवं बिक्री के कारण मछली की कीमत में कमी आई थी। उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र में पोस्ट-हार्वेस्ट तथा मूल्य संवर्धन के लिए अनुसंधान करने का अनुरोध किया।
पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान निदेशालय के सहायक निदेशक, डॉ. शिरीष एस. गांवकर ने बांझपन, ब्रुसेलोसिस और चारा उत्पादन जैसे मुद्दों को रेखांकित किया।
बैठक में लगभग 45 प्रतिभागियों ने शिरकत की, जिसमें भाकृअनुप-सीसीएआरआई के सभी वैज्ञानिक, केवीके उत्तर और दक्षिण गोवा के कार्यक्रम समन्वयक तथा विषय विशेषज्ञ एवं संबंधित विभागों, गोवा राज्य जैव विविधता बोर्ड और गोवा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के अधिकारी शामिल थे।
बैठक के दौरान पिछले वर्ष की बैठक के निर्णयों से संबंधित बिंदुओं पर कार्रवाई किये जाने पर चर्चा की गई। वर्तमान बैठक के लिए प्राप्त नए एजेंडे के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई और उन्हें संबोधित करने तथा इसके क्रियान्वयन के लिए मुख्य बिंदुओं को तैयार किए गए।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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