भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने 'तटीय क्षेत्र में पोषण सुरक्षा तथा समृद्धि के लिए मोटे अनाज (श्रीअन्न)' पर एक कार्यशाला का किया आयोजन

भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने 'तटीय क्षेत्र में पोषण सुरक्षा तथा समृद्धि के लिए मोटे अनाज (श्रीअन्न)' पर एक कार्यशाला का किया आयोजन

8 जून, 2023, गोवा

भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान (सीसीएआरआई) और कृषि विज्ञान केन्द्र, उत्तरी गोवा, गोवा ने 'तटीय क्षेत्र में पोषण सुरक्षा और समृद्धि के लिए मोटे अनाज' पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।

बाजरा के स्वास्थ्य लाभ, इसकी खेती को बढ़ावा देने और मूल्यवर्धन के लिए प्रसंस्करण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स ईयर  2023 के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

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श्री नेविल अल्फांसो, निदेशक, कृषि निदेशालय, गोवा सरकार कार्यशाला के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने गोवा राज्य में प्रचलित बाजरा की खेती पर प्रकाश डाला और बाजरे की खेती के तहत बढ़ते क्षेत्र के लिए इसकी खेती को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

सम्मानित अतिथि, डॉ. प्रदीप सरमोकदम, सदस्य सचिव, गोवा राज्य जैव विविधता बोर्ड, गोवा सरकार ने बाजरा की खेती के माध्यम से जैव विविधता बढ़ाने तथा बाजरा के स्वास्थ्य लाभों पर भी जोर दिया।

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डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने 'श्रीअन्न: वैश्विक पोषण सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन, स्वास्थ्य और समृद्धि में बाजरा की भूमिका' पर एक व्याख्यान दिया। उन्होंने देश में खेती की जाने वाली श्रीअन्न (मिलेट्स) और विभिन्न प्रकार के श्रीअन्न की खेती और उत्पादन की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से बताया।

श्री दिलीप बालकृष्ण सवाईकर और श्रीमती रंजना दिलीप सवाइकर, मार्सेल, तिस्वाड़ी को श्रीअन्न के प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन, ब्रांडिंग और विपणन में उनकी भूमिका की सराहना करते हुए गोवा राज्य के लिए भाकृअनुप-सीसीएआरआई का 'ब्रांड एंबेसडर' घोषित किया गया।

श्री सवाईकर ने हाल ही में भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा के तकनीकी सहयोग से जीवक इंडस्ट्रीज ब्रांड नाम के तहत एक श्रीअन्न प्रसंस्करण इकाई की शरूआत की। इस इकाई का उद्देश्य उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के लिए मूल्य श्रंखला को स्थापित करना था। बाजरा के उत्पादकों को प्रसंस्करण ईकाई से जोड़ना कार्यशाला की एक प्रमुख विशेषता थी।

कार्यशाला में किसानों, हितधारकों, राज्य लाइन विभागों के प्रतिनिधियों, आईसीएआर-सीसीएआरआई और केवीके उत्तरी गोवा के वैज्ञानिक और कर्मचारियों सहित लगभग 100 प्रतिभागियों ने शिरकत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा)

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