7 जून, 2023, कंधमाल
भाकृअनुप-केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन संस्थान, कौशल्यागंगा ने मात्स्यिकी विभाग, कंधमाल, ओडिशा सरकार के सहयोग से आज रतनगा बंधा, फिरिंगिया, कंधमाल में वैज्ञानिक कार्प संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सफलतापूर्वक मत्स्स पालन मेला-सह वैज्ञानिक-किसान इंटरफेस कार्यक्रम का आयोजन किया।
फिश हार्वेस्ट मेले में, किसानों ने भरपूर मछली उत्पाद का प्रदर्शन किया। यह किसानों के लिए एक्वाकल्चर समुदाय के भीतर सहयोग और विकास की भावना को बढ़ावा देने के लिए दूसरों के साथ ज्ञान और अनुभवों का आदान-प्रदान करके एक उत्कृष्ट मंच के रूप में कार्य करता है। मेले में किसानों, वैज्ञानिकों और सरकारी अधिकारियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई।
डॉ. पी.के. साहू, निदेशक, भाकृअनुप-सीफा ने कहा कि संस्थान 2021 से कंधमाल के चयनित क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के किसानों को तकनीकी सहायता और कौशल संरक्षण प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य पालन के लिए रतनगा बांधा, एक छोटा सिंचाई टैंक योजना, महिला स्वयं सहायता समूह की मदद से स्थापित किया गया है।
श्री. रश्मी रंजन मोहंता, ओएएस, खंड विकास अधिकारी, फिरिंगिया ने जोर देकर कहा कि कंधमाल में मत्स्य पालन मेला अपनी तरह का पहला मेला है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से जिले में बड़ी संख्या में लोगों में मछली पालन को एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में अपनाने के प्रति जागरूकता और रुचि पैदा होगी। उन्होंने खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने तथा ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने में वैज्ञानिक कार्प संस्कृति के महत्व को पहचानने तथा इस कार्यक्रम को आयोजित करने में भाकृअनुप-सीफा एवं मत्स्य विभाग, कंधमाल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने महिला लाभार्थियों से सफलता की ओर उनकी यात्रा के बारे में कुछ भी बातचीत भी की।
किसान-वैज्ञानिक इंटरफेस सत्र के दौरान, किसानों को वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने और अपने प्रश्न उठाने तथा अपनी समस्याओं के बारे में स्पष्टीकरण प्राप्त करने का अवसर मिला।
इंटरफेस में 150 से अधिक किसानों और खेतिहर महिलाओं ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन संस्थान, कौशल्यागंगा)
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