26 मई, 2023, दिरपाई चपोरी, गोगामुखे
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम का स्थापना दिवस आज यहां पर मनाया गया।
मुख्य अतिथि, मिसिंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य, श्री परमानंद छायेंगिया ने कृषक समुदाय के बीच बेहतर स्थिरता के लिए कार्य पद्धति को विकसित करने की आवश्यकता पर जानकारी साझा की।
श्री अंकुर भराली (एसीएस), धेमाजी जिला, असम सरकार; श्री बीएन हजारिका, डीन, बागवानी एवं वानिकी कॉलेज, सीएयू, पासीघाट तथा श्री सुनील कुमार पेगू, अध्यक्ष, एमएसी सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने उच्च कृषि उत्पादकता और आर्थिक रिटर्न के लिए जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों की अनुकूलन क्षमता पर विचार-विमर्श किया।
स्थापना दिवस व्याख्यान, डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई, नई दिल्ली द्वारा वर्चुअल माध्यम से "ग्रह के अस्तित्व के लिए कृषि परिवर्तन" पर और डॉ. प्रबल सैकिया, मुख्य वैज्ञानिक, जोनल रिसर्च स्टेशन, एएयू, लखीमपुर द्वारा "कृषि परिदृश्य में पक्षियों द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं” पर दिया गया था।
प्रभारी वैज्ञानिक, डॉ. दीपज्योति बरुआ ने अपने स्वागत संबोधन में भारत के इस सबसे पूर्वी हिस्से में कृषि क्षेत्र के विकास में एक प्रमुख संस्थान आईएआरआई असम की स्थापना की भूमिका पर बात की।
डॉ. ए.के. श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक ने 2017 में शिलान्यास के दिन से संस्थान के विकास की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर धेमाजी तथा लखीमपुर जिले के पांच प्रगतिशील किसानों, श्री गिरिजा पीडी डोले, सुश्री बनश्री हजारिका, श्री जय पेगू, श्री अनुज डोले और श्री रजत पावे को सम्मानित किया गया।
भाकृअनुप-आईएआरआई स्थापना दिवस के शुभ अवसर को चिह्नित करने के लिए परिसर में महोगनी (स्वीटेनिया मैक्रोफिला) के दस पौधे लगाए गए।
कार्यक्रम में विभागों के प्रमुख, कॉलेजों के प्राचार्य, वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा केवीके के प्रमुख एवं एसएमएस, धेमाजी एवं लखीमपुर जिलों के छात्रों ने भाग लिया। एमएसी के प्रमुख कार्यकारी सदस्य भी उस दिन उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम)
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