5 जून, 2023, लखनऊ
भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर), लखनऊ ने आज 'प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान' विषय के साथ 'विश्व पर्यावरण दिवस' मनाया।
इस अवसर पर स्टाफ सदस्यों द्वारा परिसर में सजावटी, औषधीय तथा फलदार पौधों के लगभग 220 पौधे रोपे गए।
डॉ. यू.के. सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने कहा कि इस वृक्षारोपण अभियान से प्रत्येक स्टाफ सदस्य का प्रकृति के साथ जुड़ाव बढ़ेगा तथा सौंदर्य में भी सुधार होगा और संस्थान के पर्यावरण में सुधार होगा। उन्होंने पूरे स्टाफ से इस अवसर पर परिसर को प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए पहल करने का भी आग्रह किया।
कर्नल एस सिन्हा डिप्टी कमांडर नंबर 1, तकनीकी प्रशिक्षण विंग, सेना चिकित्सा कोर और कॉलेज, लखनऊ ने "विश्व पर्यावरण दिवस 2023, बीटिंग प्लास्टिक पॉल्यूशन" पर व्याख्यान दिया। उन्होंने प्लास्टिक के प्रकारों पर चर्चा की और कहा कि पर्यावरण में मौजूद प्लास्टिक का केवल 10% ही पुनर्चक्रण योग्य है। उन्होंने पर्यावरण में प्लास्टिक भार को कम करने के लिए अपनी जीवन शैली में 4आर के सिद्धांत को अपनाने, 'मना करने, कम करने, पुन: उपयोग करने और रीसायकल' करने का आग्रह किया।
डॉ. ध्रुबो ज्योति सरकार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, भाकृअनुप-सिफरी, बैरकपुर ने 'पर्यावरण पर माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण का प्रभाव' विषय पर अतिथि व्याख्यान दिया। उन्होंने गंगा में माइक्रोप्लास्टिक्स की उपस्थिति के बारे में चर्चा की और जल निकायों में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण ने मछुआरों की आय को कम कर दिया है क्योंकि मछलियों की तुलना में अधिक प्लास्टिक पकड़ में आता है। डॉ. सरकार ने माइक्रोप्लास्टिक से जुड़े मछली रोगजनकों के बारे में भी चर्चा की जो संसाधनों में मछली के जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं।
इस अवसर पर 'पर्यावरण संरक्षण के लिए जनभागीदारी समय की आवश्यकता' नामक एक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।
प्लास्टिक प्रदूषण पर एक तत्काल प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के कर्मचारियों और छात्रों ने पूरे दिल से भाग लिया।
कार्यक्रम में भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, लखनऊ के सभी कर्मचारियों ने भाग लिया, जबकि कोच्चि केन्द्र तथा एआरटीयू चिनहट इकाई के कर्मचारियों और छात्रों ने ऑनलाइन माध्यम से में भाग लिया।
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