Interface Meeting on Enhancing the Preparedness for Agriculture Contingencies during Kharif 2022 for Telangana

Interface Meeting on Enhancing the Preparedness for Agriculture Contingencies during Kharif 2022 for Telangana

11 मई, 2023, हैदराबाद

तेलंगाना के लिए खरीफ 2023 के दौरान कृषि अनिश्चितताओं के लिए तैयारी बढ़ाने पर एक राज्य स्तरीय इंटरफेस बैठक का आयोजन भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान (क्रीडा), हैदराबाद तथा कृषि विभाग, तेलंगाना सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आज भाकृअनुप-क्रीडा में किया गया।

 Agriculture-Contingencies-during-Kharif-2022-Telangana-01_3.jpg

श्री हनुमंथु के. जेंदागे, भारतीय प्रशासनिक सेवा, विशेष आयुक्त, कृषि, तेलंगाना सरकार ने बैठक की अध्यक्षता की। डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-क्रीडा, डॉ. तारा सत्यवती, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर, डॉ. ए. किरण कुमार, निदेशक (विस्तार), श्री कोंडा लक्ष्मण, तेलंगाना राज्य बागवानी विश्वविद्यालय, डॉ. एम.वी. रमना, निदेशक (अनुसंधान), पीजेटीएसएयू, डॉ. बी. एकंबरम, निदेशक (विस्तार), पी.वी. नरसिम्हा राव तेलंगाना पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, डॉ. के. विजय कुमार, अतिरिक्त निदेशक (कृषि), भारत सरकार, सहयोगी संस्थानों, भाकृअनुप-आईआईओआर तथा आईआईआरआर के प्रतिनिधि ने बैठक में भाग लिया।

डॉ. के.वी. राव, प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप-सीआरआईडीए ने एसएएससीओएफ तथा आईएमडी द्वारा मौसमी बारिश का पूर्वानुमान एवं आईएमडी द्वारा मासिक बारिश का पूर्वानुमान (जून और जुलाई) प्रस्तुत किया तथा अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों के साथ प्रभावों के बारे में चर्चा की। जिले के अधिकारियों ने अलग-अलग समयावधि में अपर्याप्त वर्षा की स्थिति में अपने-अपने जिलों के लिए आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए योजना प्रस्तुत की और विभिन्न आदानों की आवश्यकता का अनुमान लगाया।

प्रमुख सिफारिशें:

  • जिला कृषि अधिकारियों ने किसी भी आकस्मिक स्थिति का सामना करने के लिए स्थिति के साथ-साथ विकल्पों का एक अच्छा अवलोकन प्रस्तुत किया। बैठक के दौरान वैकल्पिक फसलों तथा किस्मों पर भी चर्चा की गई।
  • किसानों को सलाह देने के लिए इस सीजन के दौरान जागरूकता एवं क्षेत्र के दौरे के लिए एक अंतःविषय टीम के निर्माण पर जोर दिया गया।
  • किसानों की आय का समर्थन करने के लिए फसल की पूर्ण बर्बादी की स्थिति में पशुधन के साथ-साथ एकीकृत कृषि प्रणाली का सुझाव दिया गया। अध्यक्ष द्वारा नैनो यूरिया के उपयोग पर भी प्रकाश डाला गया।
  • खड़ी फसलों में पर्णीय पोषण/ शीर्ष ड्रेसिंग की जरूरत पर ध्यान देने की जरूरत पर चर्चा। खड़ी फसलों में पौध संरक्षण के लिए रोगनिरोधी उपाय।
  • खड़ी फसलों में अधिक वर्षा की स्थिति के दौरान उपयुक्त तैयारी तथा सही समय पर उपाय करने के लिए आगामी दिनों में वर्षा की स्थिति के प्रति सतर्क रहना।
  • इस तरह सामान्य से अधिक वर्षा की स्थितियों में धान, कपास, अरंडी, मूंगफली तथा अरहर की उपयुक्त किस्मों के बारे में भी सुझाव दिया गया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

×