समुद्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक प्रमुख विकास के रूप में भाकृअनुप – केन्द्रीय समुद्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI), कोच्चि द्वारा भारतीय तट के साथ साथ समुद्रीय मछली अवतरण केन्द्रों के बारे में एक जीआईएस आधारित डाटाबेस का विकास किया गया। भाकृअनुप – केन्द्रीय समुद्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI), कोच्चि द्वारा देश में सभी मछली अवतरण केन्द्रों की सूची तैयार की गई है जिसमें उनके जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) स्थान , मछली पकड़ने वाली गतिविधियों की प्रकृति, मछली पकड़ने की मौसम उपयुक्तता और प्रत्येक केन्द्र से मछली पकड़ने के कार्यों के विस्तार का वर्णन किया गया है। डॉ. ए. गोपालकृष्णन, निदेशक, भाकृअनुप – केन्द्रीय समुद्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI), कोच्चि ने तटवर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को आसान बनाने के लिए इस डाटाबेस को भारतीय नौसेना को सौंपा।
इस सूची को भाकृअनुप – केन्द्रीय समुद्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI) के मंगलौर क्षेत्रीय केन्द्र पर डॉ. ए.पी. दिनेशबंधु, प्रधान वैज्ञानिक के नेतृत्व में 22 वैज्ञानिकों और 85 अन्य स्टाफ वाली टीम द्वारा तैयार किया गया है। मछली अवतरण केन्द्रों और मछली पकड़ने के ऑपरेशनल क्षेत्र के बारे में जानकारी भारतीय तट के साथ परम्परागत मछुआरों की सुरक्षा और आजीविका की सुरक्षा करके समुद्र में की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के प्रभावी समुद्रीय स्थानिक योजना बनाने में उपयोगी होगी।
इस डाटाबेस में भारत के सभी समुद्रीय राज्यों में भारतीय तट के साथ सटे कुल 1278 मछली अवतरण केन्द्रों (गुजरात - 129; महाराष्ट्र - 149; गोवा - 34; कर्नाटक - 93; केरल - 201; तमिलनाडु – 359; आन्ध्र प्रदेश – 204; ओडि़शा – 54 और पश्चिम बंगाल – 55) पर जानकारी शामिल है। इस डाटाबेस में भारतीय समुद्रीय तट के साथ-साथ मछली पकड़ने की गतिविधियों के बारे में गहन जानकारी प्रदान की गई जिससे तटवर्ती जनसंख्या के आजीविका मुद्दों को प्रभावित किए बिना तटवर्ती क्षेत्र में किसी भी विकास गतिविधि में समुद्रीय स्थानिक योजना बनाने में मदद मिलेगी।
डॉ. ए. गोपालकृष्णन, निदेशक, भाकृअनुप – केन्द्रीय समुद्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI), कोच्चि के अनुसार, संस्थान की समुद्रीय मछली अवतरण केन्द्रों के जीआईएस आधारित प्रलेखन में विशेष रूचि है क्योंकि ये तट के साथ साथ समुद्रीय मात्स्यिकी संसाधनों का मानचित्रण करने के लिए संदर्भ बिन्दू हैं और इस प्रकार का मानचित्रण मात्स्यिकी संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए आधारभूत डाटा के रूप में सेवा करेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा की सुविधा प्रदान करने में समुद्रीय मछली अवतरण केन्द्रों का जिओ-टैग एक महत्वपूर्ण कार्य है। समुद्र में मछुआरों को देश का सुरक्षा प्रहरी माना जा सकता है क्योंकि वे समुद्र में लगातार आते जाते रहते हैं और उसी समय मछली की खोज करते समय किसी भी अवांछित गतिविधि, यदि कोई है, पर भी पैनी नज़र रखते हैं। यह दस्तावेज आपदा प्रबंधन में भी नौसेना की, तटरक्षक बलों की और अन्य सुरक्षा एजेन्सियों की मदद करेगा।
(स्रोत : भाकृअनुप – केन्द्रीय समुद्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान ( ICAR – CMFRI ), कोच्चि)
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