"जलवायु अनुकूल कृषि प्रौद्योगिकी और प्राकृतिक खेती" पर एक किसान वैज्ञानिक बातचीत-सह-प्रदर्शनी का आयोजन

"जलवायु अनुकूल कृषि प्रौद्योगिकी और प्राकृतिक खेती" पर एक किसान वैज्ञानिक बातचीत-सह-प्रदर्शनी का आयोजन

20 जनवरी, 2024, बक्सर

आज भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर में "जलवायु अनुकूल कृषि प्रौद्योगिकी तथा प्राकृतिक खेती" पर एक किसान वैज्ञानिक बातचीत-सह-प्रदर्शनी तथा एससीएसपी योजना के तहत अनुसूचित जाति के किसानों को इनपुट वितरण का आयोजन किया गया।

A Farmers Scientist Interaction-cum-Exhibition on “Climate Resilient Agriculture Technologies & Natural Farming”  A Farmers Scientist Interaction-cum-Exhibition on “Climate Resilient Agriculture Technologies & Natural Farming”

मुख्य अतिथि, डॉ. एस.के. चौधरी, उप-महानिदेशक (एनआरएम) ने शून्य जुताई, पुआल प्रबंधन, मल्चिंग और स्प्रिंकलर सिंचाई के माध्यम से पानी की बचत और फसल प्रणाली में दालों को शामिल करने के साथ फसल चक्रण जैसी जलवायु-लचीली कृषि प्रौद्योगिकियों पर जोर दिया। उन्होंने बदलते जलवायु परिदृश्य में किसानों की क्षमता निर्माण के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता तथा इसकी स्थिरता में सुधार के लिए कम अवधि की फसल किस्मों को अपनाने एवं उर्वरकों के संतुलित अनुप्रयोग पर जोर दिया। डॉ. चौधरी ने सीआरए कार्यक्रम के तहत केवीके, बक्सर में एक नए कार्यान्वयन शेड का उद्घाटन किया और किसानों तथा हितधारकों के ले प्रदर्शित किए जाने वाले विभिन्न कृषि-प्रदर्शनी स्टालों का दौरा किया।

​​​​A Farmers Scientist Interaction-cum-Exhibition on “Climate Resilient Agriculture Technologies & Natural Farming”  A Farmers Scientist Interaction-cum-Exhibition on “Climate Resilient Agriculture Technologies & Natural Farming”

डॉ. चौधरी ने एनआईसीआरए परियोजना की गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए 100 से अधिक किसानों के साथ कुकुरा गांव का भी दौरा किया, भाकृअनुप-आरसीईआर, पटना के निदेशक, डॉ. अनूप दास तथा अन्य अधिकारियों ने सीमांत किसानों तथा वंचित महिला किसानों के लिए चल रही गतिविधियों एवं प्रदर्शनों का निरीक्षण करने के लिए तथा एनआईसीआरए (निक्रा) परियोजना के तहत गोद लिए गए गांव का भी दौरा किया।

इससे पहले डॉ. दास ने केवीके, बक्सर द्वारा किसानों के हित में किये गये कार्यों की सराहना की। उन्होंने ड्रोन तकनीक के माध्यम से रासायनिक स्प्रे के उपयोग और प्रति बूंद अधिक फसल की खेती पर जोर दिया।

डॉ. देव करण, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, केवीके, बक्सर ने केवीके द्वारा किए जा रहे प्रशिक्षण क्षमता निर्माण और आउटरीच गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा की।

(स्रोत: भाकृअनुप-पूर्वी क्षेत्र अनुसंधान परिसर, पटना)

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