जमीनी स्तर पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक योजना बैठक का आयोजन

जमीनी स्तर पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक योजना बैठक का आयोजन

28 मार्च, 2024, कोलकाता

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता ने आज सरकार की प्रमुख परियोजना, 'कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से प्राकृतिक खेती को जमीनी स्तर तक बढ़ाना' शीर्षक के तहत प्राकृतिक खेती पर प्रदर्शन के तरीके पर चर्चा के लिए पूर्वी भारत के कृषक समुदाय जिसमें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 34 केवीके के लिए रणनीतिक योजना बैठक का आयोजन किया।

Strategic Planning Meeting to Promote Natural Farming to Grassroots  Strategic Planning Meeting to Promote Natural Farming to Grassroots

भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे ने विभिन्न कृषि पारिस्थितिकी में प्राकृतिक खेती से जुड़े जोखिम और अनिश्चितता को नियंत्रित करने में किसानों की सहायता के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता को नियोजित करने पर जोर दिया। उन्होंने जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्निस्त्र, दशपर्णी अर्क इत्यादि जैसी विभिन्न प्राकृतिक किण्वित मिश्रण तैयारियों के उचित निस्पंदन के बाद अनुप्रयोग में ड्रोन के उपयोग का आग्रह किया।

डॉ. अमिताभ बंद्योपाध्याय, पूर्व राष्ट्रीय समन्वयक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि विज्ञान कोष, नई दिल्ली ने क्षेत्र की कृषि-जलवायु, उगाई जाने वाली फसलें, फसल क्रम, पौधों की बीमारी का इतिहास तथा कीट संक्रमण पर जानकारी एकत्र करने पर प्रकाश डाला ताकि वर्ष भर में विभिन्न मौसमों में विभिन्न फसलों को कवर करते हुए सबसे प्रचलित फसल क्रम के आधार पर प्रदर्शन किया जा सके।

बैठक में पीआई, सह-पीआई और परियोजना कर्मचारियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)

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