जनजातीय लाभार्थियों के लिए एकीकृत जलीय कृषि पर एक्सपोजर विजिट-सह-क्षमता निर्माण कार्यक्रम"

जनजातीय लाभार्थियों के लिए एकीकृत जलीय कृषि पर एक्सपोजर विजिट-सह-क्षमता निर्माण कार्यक्रम"

7-8 जून, 2023, कौशल्यागंगा

ओडिशा के गजपति और रायगड़ा जिलों में 54% अनुसूचित जनजाति (एसटी) हैं, जिनमें सौरस, लंगिया सौर और दानगारिया कंधन जनजातियां हैं। उनकी आजीविका सुरक्षा और आर्थिक उत्थान को बढ़ाने के लिए, "आजादी का अमृत महोत्सव और जन-भागीदारी के अवसर पर जनजातीय लाभार्थियों के लिए एकीकृत जलीय कृषि पर एक्सपोजर विजिट सह क्षमता निर्माण कार्यक्रम" भाकृअनुप-केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान(भाकृअनुप-सीफा), भुवनेश्वर में आज शुरू किया गया।

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कार्यक्रम का उद्घाटन, डॉ. प्रदीप राउत ओएएस (एसएजी) अतिरिक्त सचिव ओडिशा सरकार एवं व्यक्तिगत सचिव, मंत्री पंचायती राज एवं पेयजल, वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, ओडिशा सरकार तथा डॉ. पी.के. साहू निदेशक, भाकृअनुप-सीफा ने किया।

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डॉ. राउत ने कहा कि आदिवासी हमारी संस्कृति और विरासत के रक्षक हैं और उन्हें सशक्त बनाने की जरूरत है। उन्होंने नई प्रौद्योगिकियों और कृषि पद्धतियों के विकास के लिए वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की, जिन्हें आदिवासी अपनी आजीविका विकास और पोषण सुरक्षा के लिए अपना सकते हैं।

डॉ. पी.के. साहू, निदेशक, भाकृअनुप-सीफा ने संस्थान में मछली के उत्पादन और पाली गई अन्य मछली प्रजातियों का लाइव प्रदर्शन देने का आग्रह किया। उन्होंने विभिन्न सहयोगी संस्थानों में उपलब्ध फलों तथा सब्जियों की विभिन्न उच्च उपज वाली किस्मों के प्रदर्शन पर भी जोर दिया।

इन दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं को कार्प पालन, कैटफ़िश पालन, जल गुणवत्ता प्रबंधन, चारा निर्माण और प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन, एकीकृत कृषि प्रणाली विकास, कंद फसल खेती, बागवानी, बैकयार्ड मुर्गी पालन तथा बत्तख पालन पर प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन किया जाएगा।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान, भुवनेश्वर)

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