झारखंड के साहिबगंज में भाकृअनुप-सिफरी द्वारा साठ हजार मछली के बीजों को रैन्च किया गया

झारखंड के साहिबगंज में भाकृअनुप-सिफरी द्वारा साठ हजार मछली के बीजों को रैन्च किया गया

26 अप्रैल, 2023, साहिबगंज

भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी), बैरकपुर, कोलकाता ने आज नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत ओझा टोली घाट, साहिबगंज, झारखंड में इंडियन मेजर कार्प (रोहू, कतला और मृगल) की साठ हजार मछलियों को नदी में छोड़ा।

मुख्य अतिथि, श्री शांतनु ठाकुर, केन्द्रीय राज्य मंत्री, बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने भाकृअनुप-सिफरी और नमामि गंगे की पहल की सराहना की और कहा कि मछली बीजों का रैन्चिंग न केवल किसानों की मदद करेगा बल्कि नदी को अपने पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने में भी सहायता करेगा। मंत्री ने स्थानीय मछुआरों से जीरो मेश साइज नेट फिशिंग का उपयोग नहीं करने का भी आग्रह किया।

Sixty-thousand-fish-seeds-ICAR-CIFRI-02.jpg   Sixty-thousand-fish-seeds-ICAR-CIFRI-01.jpg

श्री रामनिवास यादव, भारतीय प्रशासनिक सेवा, उपायुक्त, और श्री मनीष तिवारी, भारतीय वन सेवा, मंडल वन अधिकारी ने सभा को संबोधित किया और कहा कि इस रैन्चिंग पहल से न केवल मछली की आबादी में वृद्धि होगी बल्कि डॉल्फिन जैसे अन्य जलीय जीवों को भी अपनी आबादी को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

Sixty-thousand-fish-seeds-ICAR-CIFRI-03.jpg   Sixty-thousand-fish-seeds-ICAR-CIFRI-04.jpg

डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सिफरी ने कहा कि रैन्चिंग, राष्ट्रीय पशुपालन कार्यक्रम - 2023 का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गंगा नदी में देशी मछली स्टॉक का कायाकल्प करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मछली न केवल आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है बल्कि नदी प्रणाली की प्रदूषण की स्थिति को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

श्री संजीव कुमार, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के सहायक निदेशक, झारखंड; पूर्वी गंगा मछुआरा सहकारी समिति लिमिटेड के सचिव, श्री अशोक चौधरी एवं स्थानीय मछुआरों सहित लगभग 100 प्रतिभागी और आम लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता)

×