काजरी, जोधपुर द्वारा महिला उद्यमियों के लिए बाजरा से पोषक उत्पादों के निर्माण तथा उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित

काजरी, जोधपुर द्वारा महिला उद्यमियों के लिए बाजरा से पोषक उत्पादों के निर्माण तथा उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित

15 जुलाई 14 अगस्त, 2022, जोधपुर

पोषक बाजरा उत्पादन के लिए उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) का आयोजन एबीआई, भाकृअनुप-सेन्ट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टीट्यूट, जोधपुर द्वारा 15 जुलाई से 14 अगस्त, 2022 तक लघु उद्योग भारती (एलयूबी), जोधपुर में पंद्रह महिला प्रशिक्षुओं को सैद्धांतिक, व्यावहारिक  तथा तकनीकी प्रशिक्षण किया गया था।

महीने भर चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में पोषण से भरपूर उत्पादों जैसे पोषक बाजरा से बिस्कुट, चॉकलेट, कुरकुरे और फ्लेक्स उत्पादन के लिए सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल था। इस प्रशिक्षण ने महिला उद्यमियों को एक लघु-स्तरीय उद्यम शुरू करने के बारे में मदद की।

  

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14 जुलाई, 2022 को आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि, एलयूबी से, श्री प्रकाश चंद्र ने जोर देकर कहा कि पश्चिमी राजस्थान की स्थानीय फसल होने के कारण पोषक बाजरा से मूल्यवर्धित उत्पाद तैयार करने का प्रयास भाकृअनुप-काजरी की एक स्वागत योग्य पहल है। उन्होंने कहा कि आम जनता के बीच बाजरा के लाभकारी पोषण प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा की जाएगी और उचित विपणन के माध्यम से क्षेत्र के किसानों को आर्थिक रूप से लाभ उठाने के लिए भी सशक्त बनाया जाएगा।

16 अगस्त, 2022 को आयोजित समापन कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि, प्रोफेसर (डॉ.) अजय कुमार शर्मा, वाइस चांसलर, एमबीएम, यूनिवर्सिटी, जोधपुर ने आगे बढ़ रही महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित करने के लिए काजरी के वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से भारतीय बाजरा किसानों को उनकी फसल को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में पूंजी लगाकर अच्छा राजस्व प्राप्त करने में मदद मिलेगी, लेकिन कृषि अनुसंधान संस्थानों द्वारा सक्रिय भूमिका निभाई जानी चाहिए ताकि हमारे किसानों को लाभ मिल सके।

काजरी के निदेशक, डॉ. ओ.पी. यादव ने कहा कि गरीबों का पौष्टिक अनाज आज वैश्विक होने के लिए तैयार है, क्योंकि बाजरा को संयुक्त राष्ट्र (यू.एन.) द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित करने के साथ इसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है। यह संकल्प, भारत द्वारा प्रायोजित और 70 से अधिक देशों द्वारा समर्थित होने के बाद 2023 को बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित करने का फैसला लिया गया जिसका उद्देश्य बाजरा के स्वास्थ्य लाभों और जलवायु परिवर्तन द्वारा चिह्नित कठिन परिस्थितियों में खेती के लिए उनकी उपयुक्तता के बारे में सार्वजनिक रूप से जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा करने के लिए विषय तथा नीति विशेषज्ञों को समन्वय करना होगा। बाजरा पर मूल्यवर्धन प्रशिक्षण के लिए प्रयास, इस विषय को बेहतर तरीके से लोकप्रिय बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे साथ ही इस तरह की पहल से बाजरा को निर्यात टोकरी में जुड़ने का सुनहरा अवसर भी मिलेगा। पोषक बाजरा जिसमें जलवायु, पोषण और सांस्कृतिक हिस्सा जैसे तीन अलग-अलग आयाम हैं क्योंकि वे जलवायु अनुकूल हैं तथा शुष्क भूमि की खेती के लिए उपयुक्त हैं साथ ही उनका उच्च पोषण मूल्य भी है। उन्होंने आगे कहा कि यह भोजन व्यवस्था का एक अभिन्न अंग होने के नाते संस्कृति से भी संबंधित है।

प्रशिक्षुओं ने पोषक बाजरा के उत्पादन और विपणन को बढ़ाने में विश्वास व्यक्त किया क्योंकि उनके उत्पादन में उपभोक्ताओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया ने उन्हें अच्छा मुनाफा कमाने का आश्वासन दिया है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर)

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