18 दिसंबर 2023, गोधरा
कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय, भाकृअनुप, नई दिल्ली के निदेशक, डॉ. एस.के. मल्होत्रा की अध्यक्षता में आज शुष्क पारिस्थितिकी तंत्र के फलों एवं सब्जियों के दोहन पर एक परामर्शदात्री बैठक आयोजित की गई।
डॉ. मल्होत्रा ने देश में गरीब जनता, विशेषकर शुष्क कृषि-जलवायु परिस्थितियों में रहने वाली जनजातियों को संबोधित करने के लिए एक स्टेशन द्वारा किए गए महत्वपूर्ण शोध कार्य पर जोर दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि बागवानी स्टेशन ने फलों की फसलों की 24 किस्में तथा सब्जी फसलों की 17 किस्में विकसित की हैं, और 1999- 2000 से देश के वर्षा आधारित अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के लिए उपयुक्त कई उत्पादन तकनीक भी विकसित की हैं। उनमें से, लोकप्रिय किस्में, बेल: गोमा याशी, थार दिव्या, जामुन: गोमा प्रियंका, सहजन: थार हर्ष, और चिरौंजी: थार प्रिया देश के किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। उन्होंने सभी किस्मों को सीवीआरसी के माध्यम से अधिसूचित किया जाने का आग्रह किया साथ ही स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जर्मप्लाज्म की जैव रासायनिक प्रोफाइलिंग की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. अरविंद के. सिंह, प्रमुख, सीएचईएस, गोधरा ने फलों एवं सब्जियों सहित कम उपयोग वाली वर्षा आधारित अर्ध-शुष्क बागवानी फसलों के लिए देश में सबसे बड़े विविध जीन पूल के संरक्षण पर प्रस्तुति दी। बैठक के अध्यक्ष ने इन अल्पदोहित फसलों के अद्वितीय जर्मप्लाज्म को पंजीकृत करने का सुझाव दिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय बागवानी प्रयोग स्टेशन, गोधरा, गुजरात)
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