7 जनवरी, 2024, बेंगलुरु
केन्द्रीय जनजातीय कार्य और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री अर्जुन मुंडा ने आज भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु का दौरा किया।
श्री मुंडा ने किसानों, वैज्ञानिकों और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए बागवानी क्षेत्र को आगे बढ़ाने की क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत न केवल घरेलू बाजार बल्कि वैश्विक बाजारों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा सकता है। मंत्री ने प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करने के लिए उत्पादन मानकों को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के साथ संरेखित करने के महत्व को दोहराया।
श्री मुंडा ने दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आग्रह के संदर्भ में कृषि क्षेत्र में केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह द्वारा की गई विभिन्न पहलों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि एक संगठित उद्योग के रूप में बागवानी का विकास 4 लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद निर्यात के साथ वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
मंत्री ने वैज्ञानिकों से अपनी गतिविधियों को "आत्मनिर्भर भारत" के दृष्टिकोण के साथ संरेखित करने की अपील की।
भाकृअनुप-आईआईएचआर के निदेशक, प्रो. संजय कुमार सिंह ने 54 बागवानी फसलों पर संस्थान के सराहनीय कार्य के बारे में बताया। उन्होंने आगे कहा कि अनुसंधान प्रगति का उद्देश्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों और उत्तर-पूर्वी राज्यों सहित देश भर के किसानों को लाभ पहुंचाना है।
कर्नाटक एक्सोटिक फ्रूट फार्मर्स एसोसिएशन और डेक्कन एक्सोटिक्स इंडिया प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड जैसे संगठनों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
कृषि पद्धतियों की उन्नति में योगदान करते हुए, कर्नाटक एक्सोटिक फ्रूट फार्मर्स एसोसिएशन और डेक्कन एक्सोटिक्स इंडिया प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के लाभार्थियों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए स्मार्ट खेती किट तथा ऑफ-सीजन उत्पादन किट वितरित किए गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु)
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