भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) उत्तर-पूर्व क्षेत्र के कृषि विकास में एक महत्वपूर्ण केन्द्र बिंदु के रूप में उभरेगा- श्री मुंडा
4 मार्च, 2024
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय मामलों के मंत्री, श्री अर्जुन मुंडा ने आज वर्चुअल माध्यम से प्रशासनिक-सह-शैक्षणिक भवन, मानस गेस्ट हाउस, सुबनसिरी गर्ल्स हॉस्टल तथा ब्रह्मपुत्र बॉयज हॉस्टल का उद्घाटन किया।
केन्द्रीय मंत्री ने जलवायु-अनुकूल फसल किस्मों के विकास पर जोर दिया। श्री मुंडा ने कहा कि केन्द्र सरकार ने उत्तर-पूर्वी राज्यों में कृषि विकास में आने वाली कमियों को दूर किया है और प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के विकास में एक नया आयाम जोड़ा है। उन्होंने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र का लक्ष्य हासिल करने में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि संस्थान बहुआयामी पहल के माध्यम से इस क्षेत्र को बढ़ा रहे हैं, भाकृअनुप-आईएआरआई का उत्तर पूर्वी राज्यों में उचित कृषि विकास के लिए एक महत्वपूर्ण फोकस बनने की उम्मीद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि शिक्षा को आजीविका और रोजगार के अवसरों से जोड़ा जाना चाहिए।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री कैलाश चौधरी ने वैज्ञानिकों से उत्तर पूर्व क्षेत्र में मौजूद प्राकृतिक विविधता का दोहन करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रकृति के करीब प्रौद्योगिकियों के विकास पर भी जोर दिया और ऐसा करते हुए हमें जैविक और प्राकृतिक खेती से जुड़ना चाहिए। श्री चौधरी ने कहा कि कृषि अनुसंधान को उद्यमिता से जोड़ना होगा। उन्होंने भाकृअनुप-आईएआरआई, दिरपई चापोरी, गोगामुख, असम में प्रदर्शनी स्टाल का भी दौरा किया।
सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), डॉ. हिमांशु पाठक ने वर्चुअल माध्यम से सभा को संबोधित किया तथा आईएआरआई, असम के उद्देश्यों और शासनादेशों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर-पूर्व भारत में भारी संभावनाएं हैं और अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से इसका पता लगाने की जरूरत है।
भाकृअनुप-आईएआरआई के निदेशक, डॉ. ए.के. सिंह ने इस दिन को एक शुभ दिन बताते हुए स्वागत संबोधन दिया।
शिक्षा, सामान्य जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री, असम सरकार, डॉ. रनोज पेगु ने आईएआरआई, असम के प्रयासों को स्वीकार किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आईएआरआई, असम द्वारा किए जाने वाले शोध कार्य से पर्यावरण के संरक्षण के अलावा पौधे, पशु और मत्स्य पालन की विविधता पर विचार करने में मदद मिलेगी।
सांसद, लखीमपुर, श्री प्रदान बरुआ ने आशा व्यक्त की कि संस्थान सम्पूर्ण पूर्वोत्तर भारत के युवा प्रतिभा की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
इस अवसर पर डॉ. डी.के. यादव, सहायक महानिदेशक (बीज) तथा श्री अंकुर भराली, जिला आयुक्त, धेमाजी भी उपस्थित रहे।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम)
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