किसान समृद्धि ऑनलाइन बाजार पोर्टल और ट्रेडमार्क किया गया लॉन्च

किसान समृद्धि ऑनलाइन बाजार पोर्टल और ट्रेडमार्क किया गया लॉन्च

3 जनवरी, 2025, कासरगोड

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु द्वारा विकसित और भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, पथानामथिट्टा द्वारा प्रबंधित किसान समृद्धि मार्केट पोर्टल का आज आधिकारिक रूप से डॉ. हिमांशु पाठक, महानिदेशक (भाकृअनुप) एवं सचिव (डेयर) द्वारा शुभारंभ किया गया। यह शुभारंभ भाकृअनुप-केन्द्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान, कासरगोड में संस्थान के 109वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान ‘सतत विकास लक्ष्यों के लिए वृक्षारोपण क्षेत्र का दोहन’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के हिस्से के रूप में हुआ।

यह पोर्टल केवीके, समर्थित एफपीओ, उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित बीजों, रोपण सामग्री, जैव-उत्पादों, मूल्य-वर्धित उत्पादों तथा तकनीकी वस्तुओं की सीधी ऑनलाइन बिक्री को सक्षम बनाता है। यह व्यापक पहुंच, पारदर्शिता, बाजार पहुंच और उचित मूल्य निर्धारण को बढ़ावा देता है।

यह ऑनलाइन पोर्टल वर्तमान में कर्नाटक, केरल एवं लक्षद्वीप में चालू है, जो केवीके, किसानों, कृषि उद्यमियों तथा उपभोक्ताओं को जोड़ता है। यह उद्यमिता को बढ़ावा देता है और बाजार तक पहुंच का विस्तार करता है।

भाकृअनुप-अटारी ने लगभग 150 उत्पादों और सेवाओं को कवर करने वाली पांच श्रेणियों में किसान समृद्धि ट्रेडमार्क पंजीकरण प्राप्त किया है। मोबाइल ऐप के माध्यम से उपभोक्ताओं के लिए प्लेटफ़ॉर्म को आसानी से सुलभ बनाने के लिए पायलट परीक्षण के तहत एक मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च के लिए तैयार है।

यह पोर्टल भारत के 11 भाकृअनुप-अटारी संस्थानों के सभी केवीके को कवर करने के लिए स्केलेबल है। इस पोर्टल का उद्देश्य कुशल कृषि विपणन के लिए एक डिजिटल व्यापार नेटवर्क (DIVYAN) स्थापित करना है।

इस अवसर पर भाकृअनुप-अटारी, बेंगलुरु के निदेशक, डॉ. वी. वेंकटसुब्रमण्यन, सहायक महानिदेशक (एफ एंड पीसी), डॉ. वी.बी. पटेल, भाकृअनुप-सीपीसीआरआई के निदेशक, डॉ. के. बालचंद्र हेब्बार, भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक, डॉ. जॉर्ज निनान, भाकृअनुप-केन्द्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान के निदेशक, डॉ. ग्रिंसन जॉर्ज, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र, पुत्तूर के निदेशक, डॉ. जे.डी. अडिगा उपस्थित रहे।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान, कासरगोड)

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