"किसानों की आय दोगुनी करने के लिए गोवा के कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने" पर विशेष सत्र आयोजित

"किसानों की आय दोगुनी करने के लिए गोवा के कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने" पर विशेष सत्र आयोजित

23 नवंबर, 2023, गोवा

भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा में आज "अनुकूल उत्पादन प्रणालियों तथा आजीविका सुरक्षा के लिए जलवायु स्मार्ट कृषि विज्ञान" पर तीन दिवसीय XXII द्विवार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी, "किसानों की आय दोगुनी करने के लिए गोवा कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को पुनर्जीवित करना" पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया।

श्री नेविल अल्फांसो, निदेशक, कृषि निदेशालय, गोवा सरकार ने गोवा के किसानों के लाभ के लिए उपलब्ध विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

Special Session on “Revitalizing Goan Agriculture and Allied Sectors for Doubling Farmer's Income”

डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा ने कम लागत वाली जल संचयन संरचनाओं के विकास, भाकृअनुप-सीसीएआरआई द्वारा विकसित उन्नत किस्मों को अपनाने और ऊर्ध्वाधर स्पेस के अधिकतम एवं प्रभावी उपयोग के लिए कुलागर-आधारित आईएफएस को अपनाने जैसे समाधानों पर जोर दिया। डॉ. कुमार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसल कटाई के बाद प्रबंधन द्वारा एक मूल्य श्रृंखला-आपूर्ति नेटवर्क बनाने और कठिन परिश्रम को कम करने, समय बचाने तथा आय बढ़ाने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी एवं एआई के उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित करने के लिए कृषि-इको-पर्यटन के महत्व पर जोर दिया।

डॉ. वी.एस. कोरिकांथिमथ, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा ने गोवा में कृषि के महत्व पर जोर दिया और कहा कि कृषि के बिना, अन्य क्षेत्र जीवित नहीं रहेंगे। उन्होंने चावल और नारियल दोनों के लिए एक एकीकृत कृषि प्रणाली पर जोर दिया।

डॉ. नितिन नाइक, सहायक निदेशक, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग, गोवा ने डेयरी क्षेत्र में समस्याओं और अवसरों पर जोर दिया।

गोवा राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. प्रदीप सरमोकदम ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए की जा रही विभिन्न पहलों की जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसानों को कार्बन क्रेडिट उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।

गोवा कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ. सुरेश कुंकलीकर तथा एफएओ सलाहकार डॉ. जे.आर. फलेरियो ने भी अपने विचार साझा किए।

इस कार्यक्रम में गोवा के कुल 30 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया और बातचीत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)

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