भाकृअनुप-भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा ने किसानों के खेतों में गेहूँ की किस्मों डीबीडब्ल्यू 187 (करण वंदना) और डीबीडब्ल्यू 222 (करण नरेंद्र) को विकसित व प्रसारित किया है। विभिन्न राज्यों के गेहूँ किसानों द्वारा इन किस्मों को चुना गया है। संस्थान पिछले वर्षों में किसान मेलों का आयोजन कर किसानों को अपना बीज बेचा करता था।
हाल ही में गेहूँ और जौ की किस्मों के गुणवत्तापूर्ण बीज डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 222, डीडीडब्ल्यू 47 और डीडब्ल्यूआरबी 137 की आपूर्ति करने के लिए संस्थान ने किसानों के लिए गेहूँ और जौ बीज पोर्टल बनाया है। किसान को सिर्फ अपना नाम, गाँव, जिला और राज्य का नाम भरकर अपना आधार कार्ड अपलोड करना है तथा खरीदे जाने वाले किस्म एवं बीज का चयन करना है। भाकृअनुप-आइआइडब्ल्यूबीआर, करनाल, हरियाणा के साथ पंजीकृत नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाएगा।
15 सितंबर से 23 सितंबर, 2020 के दौरान हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे विभिन्न राज्यों के लगभग पाँच हजार किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
संस्थान ने किसानों को 17 अक्टूबर से 23 अक्टूबर, 2020 तक एसएमएस के माध्यम से निर्धारित तिथि और समय पर विशिष्ट बीजों के संग्रह के बारे में सूचित किया। यह भुगतान क्यूआर कोड, नेट बैंकिंग या कार्ड स्वाइप सिस्टम जैसे विभिन्न डिजिटल मोड में प्राप्त हुआ था।
इस प्रणाली के माध्यम से 6,000 किलोग्राम से अधिक बीज किसानों को प्रदान किए गए। कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में आसानीपूर्वक हालिया किस्मों के बीज प्राप्त करने के लिए किसान वास्तव में खुश और संतुष्ट थे।
(स्रोत: निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा)
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