23 जनवरी, 2025, गोवा
आज गोवा के भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान में ‘कृषि में परिवर्तन के लिए तकनीकी नवाचार: कृषि भौतिकी की भूमिका’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। भारतीय कृषि भौतिकी सोसायटी (आईएसएपी) तथा तटीय कृषि अनुसंधान संघ (एसीएआर) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा, कृषि दक्षता एवं स्थिरता को बढ़ाने में एआई, मशीन लर्निंग तथा डिजिटल कृषि जैसे विज्ञान-संचालित नवाचारों की भूमिका पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
मुख्य अतिथि, श्री राजेश फलदेसाई, विधान सभा सदस्य, कम्बरजुआ, तथा गोवा पुनर्वास बोर्ड के अध्यक्ष, ने गोवा में कृषि की अनूठी चुनौतियों पर प्रकाश डाला तथा जलवायु-अनुकूल समाधानों का आह्वान किया।
मुख्य अतिथि, उप-महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), डॉ. एस.के. चौधरी ने कृषि पद्धतियों में क्रांतिकारी बदलाव लाने में कृषि भौतिकी की क्षमता पर जोर दिया।
मुख्य अतिथि, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. ए.के. सिंह ने जलवायु परिवर्तन के बीच टिकाऊ खाद्य उत्पादन के महत्व पर बल दिया।
भाकृअनुप-सीसीएआरआई के निदेशक, डॉ. परवीन कुमार ने तटीय कृषि में संस्थान के अनुसंधान योगदान पर प्रकाश डाला।
सेमिनार में अत्याधुनिक तकनीकों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनियाँ शामिल थीं। उद्घाटन सत्र के बाद डॉ. सिंह द्वारा दिया गया 11वां डॉ. बी.पी. घिल्डियाल स्मारक व्याख्यान हुआ, जिसमें "विज्ञान और तकनीकों को किसानों तक पहुँचाने" पर ध्यान केन्द्रित किया गया। 24 जनवरी, 2025 को टिकाऊ तटीय कृषि पर एक विशेष सत्र की योजना बनाई गई है।
कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, छात्रों और उद्योग प्रतिनिधियों सहित कुल 100 प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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