कृषि में एर्गोनॉमिक्स तथा सुरक्षा पर एआईसीआरपी की XV कार्यशाला का आयोजन

कृषि में एर्गोनॉमिक्स तथा सुरक्षा पर एआईसीआरपी की XV कार्यशाला का आयोजन

20- 21 मार्च, 2024, भोपाल

कृषि में एर्गोनॉमिक्स तथा सुरक्षा पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की XV वार्षिक कार्यशाला भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल द्वारा 20 से 21 मार्च, 2024 तक वर्चुअल मोड में आयोजित की गई थी।

XV Workshop of AICRP on Ergonomics and Safety in Agriculture  XV Workshop of AICRP on Ergonomics and Safety in Agriculture

मुख्य अतिथि, डॉ. एस.एन. झा, उप-महानिदेशक (इंजीनियरिंग) ने सुविधा सूचकांक तथा अन्य किसी भी उपकरण को महिला-अनुकूल बनाने के साथ-साथ इसे वर्गीकृत करने के लिए मानदंड स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में मशीनरी और सुरक्षा उपकरणों के एर्गोनोमिक डिजाइन को प्राथमिकता देने की दिशा में अनुसंधान प्रयासों को पुनर्निर्देशित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। डॉ. झा ने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए असुरक्षित ट्रैक्टर-ट्रेलरों में लोगों को ले जाने से जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से एक राष्ट्रीय अभियान शुरू करने पर जोर दिया।

डॉ. के.पी. सिंह, सहायक महानिदेशक (फार्म इंजीनियरिंग), भाकृअनुप ने सभी केन्द्रों द्वारा की गई प्रगति को स्वीकार किया और अनुसंधान अध्ययनों का चयन करते समय अनुसंधान, उद्योग की जरूरतों और किसानों की मांगों में अंतराल का मूल्यांकन करने के लिए एक व्यापक समीक्षा करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने किसी भी हस्तक्षेप या प्रौद्योगिकी को विकसित करने में सामाजिक प्रभाव की आवश्यकता पर भी भी प्रकाश डाला।

डॉ. सी.आर. मेहता, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएई, भोपाल ने योजना के महत्व पर प्रकाश डाला और श्रम-केन्द्रित कृषि कार्यों को संबोधित करने के लिए एर्गोनोमिक हस्तक्षेप के निर्माण के लिए उद्योग के साथ सहयोग की वकालत की।

डॉ. सुखबीर सिंह, परियोजना समन्वयक, ईएसए के लिए एआईसीआरपी ने परियोजना के इतिहास के बारे में जानकारी दी और योजना की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

डॉ. एल.पी. गीते, पूर्व वैज्ञानिक, एमेरिटस तथा पूर्व पीसी, ईएसए के लिए एआईसीआरपी, भाकृअनुप-सीआईएई, भोपाल और डॉ. पी.के. नाग, पूर्व निदेशक, एनआईओएच, अहमदाबाद भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

दो दिवसीय विचार-विमर्श के दौरान तकनीकी सत्र, व्यावसायिक सत्र तथा पूर्ण सत्र आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान पांच प्रौद्योगिकियों का व्यावसायीकरण किया गया और ईएसए के लिए एआईसीआरपी के सहयोगी केन्द्रों द्वारा दो पेटेंट एवं सात डिजाइन पंजीकरण दायर किए गए।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल)

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