कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला आयोजित

कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला आयोजित

26 अक्टूबर, 2023, कानपुर

उत्तर प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी अर्ध शुष्क और मध्य मैदानी क्षेत्रों के अंतर्गत 25 केवीके की दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला का उद्घाटन भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-III, कानपुर में किया गया है। कार्यशाला के पहले दिन 12 केवीके के प्रमुखों ने 2024 के लिए अपने कृषि विज्ञान केन्द्र की कार्ययोजना प्रस्तुत की।

A Two-day Mid-term Review Workshop of Krishi Vigyan Kendras was organised

डॉ. आर.के. यादव, निदेशक, विस्तार, सीएसएयूएटी, कानपुर ने केवीके के दृष्टिकोण और कार्य के बारे में जानकारी दी और केवीके से जल प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, उर्वरक प्रबंधन समस्याओं आदि पर काम करने का भी आग्रह किया।

इस अवसर पर डॉ. ओ.पी. सिंह, पूर्व निदेशक, विस्तार, एसवीपीयूएटी, मेरठ ने सम्बोधन दिया। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों को मिलकर सोचने और काम करने पर भी जोर दिया है. डॉ. सिंह ने केवीके से आग्रह किया कि वे किसानों को साथ लेकर और किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखकर काम करें, ताकि किसानों को वास्तविक परिणाम मिल सकें।

इससे पहले डॉ. एस.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक (एई), भाकृअनुप-अटारी कानपुर और पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोधपुर, राजस्थान ने सभी प्रमुखों और वैज्ञानिकों का स्वागत किया और कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में संक्षेप में बताया। कार्यशाला का मुख्य फोकस कार्ययोजना पर है और केवीके द्वारा अब तक किए गए कार्यों की भी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी केवीके में किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ऑन-फार्म परीक्षणों को विकसित करने और लागू करने की विशेष आवश्यकता है। प्रत्येक केवीके को चयनित गांवों की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रौद्योगिकी का चयन एवं प्रदर्शन करना चाहिए।

12 कृषि विज्ञान केन्द्रों ने एक तकनीकी सत्र के दौरान कार्य योजना 2024 प्रस्तुत की, जिसकी संसाधन व्यक्तियों ने समीक्षा की और अपनी टिप्पणियाँ और सुझाव दिये। इस कार्यशाला में यूसी/ एयूसी, बजट स्थिति, व्यय, पीएफएमएस, एग्री-ड्रोन, परियोजना के लिए अलग-अलग बैंक खाते खोलना और प्रत्येक परियोजना के लिए वित्तीय स्थिति, फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के तहत रबी प्रदर्शन, एनआईसीआरए परियोजना, एनएआरआई परियोजना, प्राकृतिक खेती परियोजना आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-III, कानपुर)

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