9 जनवरी, 2024, मेघालय,
पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र के लिए भाकृअनुप-अनुसंधान परिसर, उमियम, मेघालय ने आज अपना 49वां स्थापना दिवस मनाया।
मुख्य अतिथि, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के बारे में बात की, साथ ही देश में कृषि अनुसंधान प्रणाली तथा कृषि उत्पादन की वृद्धि के प्रति उनके योगदान एवं समर्पण का वर्णन किया।
भाकृअनुप अनुसंधान परिसर, एनईएच क्षेत्र, उमियम, मेघालय के निदेशक, डॉ. वी.के. मिश्रा ने एनईएच क्षेत्र के कृषि विज्ञान तथा समाज के प्रति पिछले 49 वर्षों में संस्थान की उपलब्धियों और योगदान पर प्रकाश डाला।
डॉ. बी.सी. डेका, कुलपति, असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट ने प्रकाशन पर जोर दिया जिसे प्रौद्योगिकियों के एक बंडल में अनुवादित करने की आवश्यकता है जो एनईएच क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं के लिए आजीविका तथा व्यवसाय के अवसर प्रदान करेगा।
डॉ. अनुपम मिश्रा, कुलपति, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इंफाल ने देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में कृषि उन्नति और सतत विकास के लिए उन्नत किस्मों, कुशल सिंचाई प्रणाली, साझेदारी तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की ओर इशारा किया।
डॉ. के.एम. बुजरबरुआ, पूर्व उप-महनिदेशक (पशु विज्ञान), भाकृअनुप तथा पूर्व कुलपति, असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट ने कहा कि संस्थान को उत्तर-पूर्व नीति और 2030 तक एसजीडी लक्ष्य प्राप्त करने के संबंध में बहुत सारी उम्मीदें हैं।
भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (एनआरएम), डॉ. सुरेश कुमार चौधरी ने कहा कि सभी आयामों में इस संस्थान का विकास जबरदस्त है।
41 प्रदर्शनी स्टालों के साथ एक किसान मेला भी आयोजित किया गया जिसमें क्षेत्र के जातीय भोजन सहित 100 से अधिक प्रौद्योगिकियों और विशेष उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।
कार्यक्रम में सभी क्षेत्रीय केन्द्र, भाकृअनुप अनुसंधान परिसर के केवीके, कृषि उद्यमियों, किसानों तथा कॉलेज ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज, उमियाम के छात्रों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-क्षेत्रीय केन्द्र, एनईएच क्षेत्र, उमियम, मेघालय)
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