9 जनवरी, 2024, इंफाल
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने बी. एससी. (ऑनर्स) प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए डिग्री कार्यक्रम का शुभारंभ आज कृषि महाविद्यालय, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (इम्फाल), मेघालय में किया गया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती कृषि के एक वैकल्पिक रूप के रूप में उभर रही है जो कृषि-पारिस्थितिकी सिद्धांतों के अनुसार स्वदेशी ज्ञान और प्रथाओं के सर्वोत्तम संभव उपयोग पर जोर देती है। डॉ. पाठक ने कृषि महाविद्यालय, किर्डेमकुलई को एक विश्व स्तरीय कॉलेज के रूप में विकसित करने में हर तरह से समर्थन और सुविधाओं का आश्वासन दिया।
कॉलेज के प्रशासनिक-सह-शैक्षणिक भवन में एक प्राकृतिक खेती ब्लॉक का भी उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. हिमांशु पाठक ने किया।
केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल के कुलपति, डॉ. अनुपम मिश्रा ने कृषि स्नातकों को नई दिशा देने के लिए भाकृअनुप द्वारा स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम में प्राकृतिक खेती की शुरुआत पर जोर दिया।
डॉ. एस.के. चौधरी, उप-महानिदेशक, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, भाकृअनुप ने कृषि के क्षेत्र में उत्तर पूर्व क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की।
प्रो. द्विपेंद्र ठाकुरिया, डीन, कॉलेज ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज इन एग्रीकल्चरल साइंस, उमियाम ने कॉलेज के वर्तमान छात्रों की छमता और प्राकृतिक खेती में विश्वविद्यालय द्वारा की गई गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इंफाल)
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