महाराष्ट्र और गोवा में केवीके की वार्षिक कार्य योजना तथा प्राकृतिक खेती के लिए कार्यशाला का आयोजन

महाराष्ट्र और गोवा में केवीके की वार्षिक कार्य योजना तथा प्राकृतिक खेती के लिए कार्यशाला का आयोजन

13-14 मार्च, 2024, नासिक

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पुणे ने 13 और 14 मार्च, 2024 को केवीके-यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय, नासिक- 1 के सहयोग से महाराष्ट्र और गोवा में केवीके की 2 दिवसीय वार्षिक कार्य योजना और प्राकृतिक खेती कार्यशाला का आयोजन किया।

डॉ. आर. रॉय बर्मन, सहायक महानिदेशक, कृषि विस्तार, भाकृअनुप ने केवीके को ओएफटी, एफएलडी, दस्तावेजीकरण, तिलहन एवं दलहन मॉडल गांव, वन-स्टॉप समाधान, एमओयू तथा ड्रोन प्रौद्योगिकियों के सफल कार्यान्वयन पर जानकारी दी।

डॉ. एस.के. रॉय, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे ने भाकृअनुप-अटारी पुणे की भूमिका पर जोर दिया और केवीके की वेबसाइट बनाने, परियोजना खाता खोलने और प्राकृतिक खेती के तहत विभिन्न प्रथाओं के फसल-वार पैकेज के विकास पर जानकारी दी।

Annual Action Plan and Natural Farming Workshop of KVKs in Maharashtra & Goa  Annual Action Plan and Natural Farming Workshop of KVKs in Maharashtra & Goa

डॉ. वी.एम. मायांडे, पूर्व कुलपति, डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला ने पोस्ट प्रोडक्शन मार्केटिंग और मूल्य श्रृंखला पर ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों, मिट्टी तथा जल संसाधन क्षरण, बाजार खुफिया मुद्दों और किसानों पर नीति के प्रभाव के महत्व पर जोर दिया।

डॉ. के.डी. कोकाटे, पूर्व उप-महानिदेशक, कृषि विस्तार, भाकृअनुप ने केवीके से केवीके फार्मों पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने, किसानों की आय बढ़ाने के लिए जिला-विशिष्ट रणनीति तैयार करने और विस्तार कार्यकर्ताओं के लिए एक रोडमैप विकसित करने का आग्रह किया।

प्रोफेसर संजीव सोनवणे, कुलपति, वाईसीएमओयू, नासिक ने एआई-आधारित प्रौद्योगिकियों, किसानों के लिए उपलब्ध ज्ञान तथा केवीके के बहु-विषयक दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डाला।

डॉ. पराग हल्दनकर, डीईई, डॉ. बालासाहेब सावंत कोंकण कृषि विद्यापीठ, दापोली, डॉ. डी.एन. गोखले, डीईई, वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ, परभणी, डॉ. सी.एस. पाटिल, डीईई, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी, डॉ. डी.बी. उंदिरवाडे, डीईई, पीडीकेवी, अकोला, डॉ. ए.यू. भिकाने, डीईई, महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नागपुर ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई।

महाराष्ट्र के 50 केवीके तथा गोवा के 02 केवीके का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल 65 प्रतिभागियों और प्रमुखों ने भाग लिया और वर्ष 2024 के लिए अपनी कार्य योजना एवं महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्रस्तुत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे)

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