मांसाहारी खाद्य पदार्थों के पारखी होने के कारण तेलंगाना के लोग देश के करीब एक तिहाई मटन की खपत करते हैं। भाकृअनुप-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद के वैज्ञानिकों द्वारा 'मेरा गाँव मेरा गौरव' कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित तेलंगाना राज्य के सिद्दीपेट जिले में इरकोडे गाँव की महिला समूह मांसाहारी अचार और अन्य मूल्य वर्धित मांस-उत्पादों के उत्पादन के माध्यम से सफल उद्यमी बन गई हैं। वे अब 'मीट ऑन व्हील्स' वैन के माध्यम से उत्पादों को नवीन रूप से बेचते हैं।
तेलंगाना के सिद्दीपेट शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर एक छोटे से गाँव इरकोडे को एम जी एम जी कार्यक्रम के तहत भाकृअनुप-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र ने गोद लिया है। गाँव की अधिकांश महिलाएँ गरीब हैं और दिहाड़ी मजदूरों के माध्यम से अपनी आजीविका कमाती हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उद्यमी गतिविधियों के द्वारा इन्हें मांस और मांस-उत्पादों के विपणन के बारे में शिक्षित किया गया।
सोसाइटी फॉर एलिमिनेशन ऑफ रूरल पॉवर्टी (एसईआरपी), तेलंगाना की मदद से महिलाओं के एक समूह को एक संयुक्त दायित्व समूह (जेएलजी) में संगठित किया गया और 'इरकोड महिला समाख्या' के नाम से पंजीकृत किया गया। भाकृअनुप-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र ने उन्हें अनुसूचित जाति उप योजना कार्यक्रम के एक भाग के रूप में स्वच्छ मांस उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य-वर्धन, पैकेजिंग और विपणन पर पाँच दिनों का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रशिक्षित होने के बाद महिलाओं ने क्षेत्र का सर्वे किया तो पाया कि वे अलग-अलग गाँवों और सिद्दीपेट शहर के अलग-अलग स्थानों पर मोबाइल वाहन में मांसाहारी अचार और नाश्ता बेच सकती हैं।
सिद्दीपेट निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि श्री हरीश राव, वित्त मंत्री, तेलंगाना सरकार द्वारा उत्पादों के विपणन व वाहन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी। भाकृअनुप-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र ने उत्पादों को ठंडा रखने और भंडारण करने, खाना पकाने, धोने, लटकाने आदि की सुविधाओं के साथ 'मीट ऑन व्हील्स' को तैयार किया है। एस सी एस पी कार्यक्रम योजना के तहत मांस उत्पादों के छोटे पैमाने पर प्रसंस्करण के लिए मशीनरी प्रदान की गई थी।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद समूह ने चिकन और मटन अचार का विपणन शुरू किया और स्थानीय पसंद के अनुरूप स्वाद को परिष्कृत किया। समूह के सदस्यों ने कच्चे माल की खरीद, उत्पादों की तैयारी और विपणन की देखभाल के लिए तीन समूहों में खुद को गठित किया। श्री राव द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद 'मीट ऑन व्हील्स' अब 'रयथु बाजार' (किसान बाजार) के साथ-साथ आसपास के गाँवों और सिद्दीपेट के विभिन्न इलाकों में विभिन्न मूल्य-वर्धित मांस-उत्पादों और मांसाहारी अचारों का सफलतापूर्वक उत्पादन और विपणन कर रहा है।
महिलाएँ अब अलग-अलग स्थानों से थोक में ऑर्डर लेकर पूर्ति कर रही हैं। गुणवत्ता और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए अत्यंत ध्यान दिए जाने के कारण “सिद्दीपेट मांसाहारी अचार” एक छोटी अवधि के भीतर राज्य में सबसे अच्छा बिकने वाला उत्पाद बन गया है। भारी प्रतिक्रिया के साथ महिला समूह अब वैन के माध्यम से उपभोक्ताओं के दरवाजे पर ताजा मांस के विपणन में प्रवेश करने पर विचार कर रहा है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों और अन्य राज्यों से महिला समूह और अन्य उद्यमी अब यहाँ के महिला समूह से सीखने के लिए इरकोडे में उत्सुकता से आ रहे हैं।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद)
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