मिथुन के लिए भाकृअनुप-एनआरसी ने आहार तथा बायोमार्कर अध्ययन के लिए बढ़ाया समर्थन

मिथुन के लिए भाकृअनुप-एनआरसी ने आहार तथा बायोमार्कर अध्ययन के लिए बढ़ाया समर्थन

8 फरवरी, 2024, मेडजिफेमा

भारत में आहार तथा बायोमार्कर अध्ययन चरण II का अध्ययन आईसीएमआर-राष्ट्रीय पोषण संस्थान, हैदराबाद, स्वास्थ्य और अनुसंधान विभाग, भारत सरकार द्वारा भारत में विभिन्न जनसांख्यिकीय समूहों में पोषण संबंधी स्थिति और एनीमिया तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी की व्यापकता का आकलन करने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। यह अध्ययन, आईसीएमआर-एनआईएन द्वारा स्वास्थ्य विभाग, नागालैंड सरकार, कोहिमा मेडिकल अस्पताल, भाकृअनुप-राष्ट्रीय मिथून अनुसंधान केन्द्र के साथ साझेदारी में आयोजित किया गया।

ICAR-NRC on Mithun extends support for Diet and Biomarkers Study

अध्ययन जनवरी 2024 में शुरू हुआ और छह महीने तक चलेगा, जिसमें छह क्रमरहित रूप से चयनित जिलों के प्रति जिले 100 गांवों को लक्षित किया जाएगा। डेटा संग्रह प्रक्रिया में 26 सदस्यों वाली दो टीमें शामिल हैं। एकत्र की गई जानकारी में, घरेलू विवरण, सामाजिक आर्थिक कारक और छोटे बच्चे को खिलाने के तरीके, गैर-संचारी रोग, 24 घंटे का आहार सेवन, आहार के नमूने और सूक्ष्म पोषक तत्व विश्लेषण के लिए रक्त के नमूने शामिल हैं।

भाकृअनुप-राष्ट्रीय मिथून अनुसंधान केन्द्र के निदेशक, डॉ. गिरीश पाटिल एस., पोषण संबंधी चुनौतियों को समझने और संबोधित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, नागालैंड में इस अध्ययन को उत्सुकता से अपना समर्थन दिये हैं। कार्यक्रम का नेतृत्व आईसीएमआर-एनआईएन, हैदराबाद के उप -निदेशक, डॉ. जे. श्रीनिवास राव और सहायक निदेशक, डॉ. प्रदीप भट्टू पाटिल ने किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मिथून अनुसंधान केन्द्र, मेडजिफेमा)

×