6 मार्च, 2024, मध्य प्रदेश
भाकृअनुप-राष्ट्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन अनुसंधान केन्द्र, राजपुर खुर्द, नई दिल्ली ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय-केवीके, मुरैना, मध्य प्रदेश के सहयोग से सरसों के कीटों और रोगों के प्रबंधन के लिए आज सरसों क्षेत्र दिवस का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि, भाकृअनुप-एनसीआईपीएम के निदेशक, डॉ. सुभाष चंदर ने एकीकृत कीट प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया और फसलों में सिंथेटिक कीटनाशकों के उपयोग के कम करने का आग्रह किया। उन्होंने विकल्प के रूप में ट्राइकोडर्मा, नीम बीज गिरी अर्क तथा नीम तेल जैसे जैव-नियंत्रण एजेंटों के उपयोग का आग्रह किया तथा मित्र कीड़ों के संरक्षण पर जोर दिया।
डॉ. एस.एस. तोमर, सहायक निदेशक, रिसर्च, आरवीएसकेवीवी-क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, मुरैना, एमपी ने कीट प्रबंधन में कृषि संबंधी प्रथाओं पर जोर दिया।
डॉ. प्रशांत गुप्ता, प्रमुख, आरवीएसकेवीवी-केवीके, मुरैना ने आईपीएम प्रौद्योगिकी के प्रसार में केवीके की भूमिका पर जोर दिया।
सरसों की फसलों के प्रमुख कीटों और बीमारियों के खिलाफ आईपीएम दृष्टिकोण पर नवीनतम साहित्य भाग लेने वाले किसानों के बीच वितरित किया गया। अंत में एक किसान-वैज्ञानिक बातचीत आयोजित की गई और किसानों को आईपीएम सरसों प्रौद्योगिकी से आश्वस्त किया गया।
सरसों क्षेत्र दिवस में 136 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें