25 जुलाई 2023
विधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय की देखरेख में हावड़ा कृषि विज्ञान केन्द्र, जगतबल्लबपुर, पश्चिम बंगाल ने हाई स्कूल, कॉलेज के छात्रों और कृषक महिलाओं सहित प्रगतिशील किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए आज अपने परिसर में एक दिवसीय "बाजरा मेला" का आयोजन किया। अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 के वार्षिक उत्सव के हिस्से के रूप में बाजरा के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी लाभों पर चर्चा की गई। डॉ. बारुई ने कार्यक्रम के गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा 'बाजरा मेला' के विषय पर चर्चा की।
कोलकाता में भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे, जो मुख्य अतिथि थे, ने एक ऐसी फसल के रूप में बाजरा के महत्व पर जोर दिया जो जलवायु परिवर्तन के लिए प्रतिरोधी है, इसमें पानी का पदचिह्न कम है, और मधुमेह जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता है। उन्होंने किसानों को बाजरा-आधारित उत्पादों के विपणन के लिए एफपीओ स्थापित करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि वे बेहद लाभदायक थे। प्रोफेसर यू. थापा, डीईई, बीसीकेवीवी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में पोषण मूल्य के लिए बाजरा के महत्व पर चर्चा की। बीसीकेवी में सहायक प्रोफेसर, डॉ. एस. बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बाजरा की खेती के विभिन्न तरीकों एवं उनकी संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
हावड़ा केवीके के एसएसएच, डॉ. के. बारुई; डॉ. एस.एन. खरा, डीएचओ, हावड़ा; श्रीमती अरुणिमा, जिला युवा अधिकारी, हावड़ा; श्री एस. साहा, एडीए, जगतबल्लवपुर; एसएमएस और अन्य हावड़ा केवीके के कर्मचारी; विभिन्न हाई स्कूलों और कॉलेजों के 75 छात्र, हावड़ा जिले के कई ब्लॉकों से कृषक महिलाओं सहित 50 प्रगतिशील किसान, नेहरू युवा केन्द्र, युवा क्लब के 46 सदस्य, विभिन्न एसएचजी के 30 सदस्य, डीएईएसआई के 78 छात्र तथा कई अन्य लोग कार्यक्रम में शामिल हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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