29 अगस्त, 2022, रंगा रेड्डी
कृषि विज्ञान केन्द्र, रंगा रेड्डी जिला, भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान (क्रीडा), हैदराबाद ने पंचायत कार्यालय, मंगलपल्ली गांव, अमंगल मंडल में आज आजादी के अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में "नैनो उर्वरकों सहित उर्वरकों के कुशल और संतुलित उपयोग" पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-क्रीडा ने प्रमुख, द्वितीयक और सूक्ष्म पोषक तत्वों से संबंधित कृषि में चुनौतियों और अवधि के दौरान मिट्टी में उनकी कमी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न कृषि जलवायु परिस्थितियों में फसल की उपज में सुधार करने में पोषक तत्व प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
डॉ. के. सम्मी रेड्डी, प्रमुख, संसाधन प्रबंधन विभाग, भाकृअनुप-क्रीडा ने मिट्टी में जैविक कार्बन के महत्व और हरी खाद वाली फसलों के उपयोग तथा अपशिष्ट से धन की अवधारणा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अकार्बनिक और जैविक दोनों उर्वरकों को एकीकृत करके, सही समय में उर्वरकों की सही मात्रा का प्रयोग करके तथा इस प्रयोग की सही विधि के साथ उर्वरकों को साइट विशिष्ट अवधारणा के साथ संतुलित उपयोग, बेहतर उर्वरक उपयोग दक्षता के साथ उच्च पैदावार देता है।
डॉ. डी.बी.वी. रमन, ओआईसी, केवीके ने चारे और पशु स्वास्थ्य पर रसायनों के अंधाधुंध उपयोग के प्रभाव के बारे में जानकारी दी।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
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