"निकरा के रणनीतिक भागीदार संस्थानों के अनुसंधान गतिविधियों की समीक्षा और भविष्य के अनुसंधान कार्यक्रम को मजबूत करने" पर बैठक आयोजित

"निकरा के रणनीतिक भागीदार संस्थानों के अनुसंधान गतिविधियों की समीक्षा और भविष्य के अनुसंधान कार्यक्रम को मजबूत करने" पर बैठक आयोजित

21 – 22, जुलाई, नई दिल्ली

21 से 22 जुलाई, 2022 तक राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, नई दिल्ली में "प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और कृषि इंजीनियरिंग के तहत, जलवायु अनुकूल कृषि पर राष्ट्रीय पहल (एनआईसीआरए, निक्रा) सामरिक अनुसंधान भागीदार संस्थानों के अनुसंधान गतिविधियों की समीक्षा और आगे के अनुसंधान कार्यक्रम को मजबूत करने" के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी।

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डॉ. बी. वेंकटेश्वरलू, पूर्व कुलपति, वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ, परभणी, महाराष्ट्र और अध्यक्ष, एनआईसीआरए सामरिक अनुसंधान के लिए विशेषज्ञ समिति ने विभिन्न प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रौद्योगिकियों के कार्बन पृथक्करण और पानी एवं ऊर्जा पदचिह्नों (फूटप्रिंट) के लिए अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।

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डॉ. सुरेश कुमार चौधरी, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), भाकृअनुप ने नैनो-उर्वरक के एलसीए एवं प्रकृति-आधारित समाधानों पर काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

डॉ. एन.सी. पटेल, पूर्व कुलपति, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आणंद, गुजरात और सदस्य, विशेषज्ञ समिति ने विशेष रूप से पानी और मिट्टी की उर्वरता प्रबंधन के लिए सेंसर और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे उपकरणों के उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।

डॉ. एस. भास्कर, एडीजी (एग्रोनॉमी, एग्रोफोरेस्ट्री एंड क्लाइमेट चेंज), भाकृअनुप और सदस्य ने जलवायु परिवर्तनशीलता की चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इससे पहले, डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप- केंद्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान (क्रिडा) और सदस्य सचिव ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।

डॉ. एम. प्रभाकर, प्रधान अन्वेषक, एनआईसीआरए (निक्रा) ने भागीदार संस्थानों के अनुसंधान कार्यक्रमों को रेखांकित किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

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