22 मई, 2023, भोपाल
भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल में आज एक राष्ट्रीय अभियान एलआईएफई (LiFE) (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) का आयोजन किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों और अन्य हितधारकों को धरती माता के स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना था।
मुख्य अतिथि, डॉ. मिलिंद वाडोडकर, मुख्य मृदा सर्वेक्षण अधिकारी, भारतीय मृदा एवं भूमि उपयोग सर्वेक्षण, भारत सरकार ने मिट्टी के महत्व पर प्रकाश डाला और इसकी सीमाओं को रेखांकित करने तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर फसलों को पोषक तत्वों की आपूर्ति करने एवं उर्वरकों का उपयोग करने की क्षमता पर जोर दिया।
डॉ. सिबा प्रसाद दत्ता, निदेशक भाकृअनुप-आईआईएसएस ने किसानों से एक सादा जीवन अपनाने का आग्रह किया, अर्थात प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना। उन्होंने हमारे महाकाव्यों में वर्णित सादा जीवन और मृदा स्वास्थ्य के संरक्षण के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि धरती माता अपने संवर्धन के लिए कई कार्य करती है, जैसे - पानी, कार्बन तथा पोषक तत्वों का चक्रण, कीटनाशकों को पतला तथा विकृत करना जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता रहे। उन्होंने मिट्टी में पोषक तत्वों के संतुलित एवं एकीकृत उपयोग को अपनाने पर जोर दिया क्योंकि यह मिट्टी में पर्याप्त कार्बन सामग्री को बनाए रख सकता है।
इस अभियान में भाकृअनुप-आईआईएसएस तथा इसके केन्द्रों के वैज्ञानिकों तथा देश के विभिन्न हिस्सों के किसानों ने भाग लिया।
भोपाल जिले के आसपास के गांवों के लगभग 64 किसानों ने 16 से अधिक गांवों को कवर किया और एआईसीआरपी/ राज्य कृषि विश्वविद्यालयों/ राज्य के कृषि विभागों/ केवीके के 600 से अधिक किसानों एवं विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल)
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