भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की क्षेत्रीय समिति की बैठक का उद्घाटन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की क्षेत्रीय समिति की बैठक का उद्घाटन

कोयंबटूर, 15 जून, 2012

ICAR-Regional-Committee-meeting-15-06-2012-1_1.jpgश्री एस. दामोदरन, कृषि मंत्री, तमिलनाडु सरकार ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की क्षेत्रीय समिति सं. VIII की 23वीं बैठक का उद्घाटन किया। श्री दामोदरन ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 4% की कृषि विकास दर को प्राप्त करने में कृषि शोधकर्ताओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस बैठक में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि साल 2025 में तमिलनाडु में 31% तक पानी की कमी होगी इसलिए उन्होंने शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि इस चुनौती को पूरा करने में वे रणनीति विकसित करें। श्री दामोदरन ने तकनीकी प्रकाशन जारी किए और श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए एनएआईपी परियोजना के अन्तर्गत तमिलनाडु पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय को पुरस्कार प्रदान किया।

ICAR-Regional-Committee-meeting-15-06-2012-2_1.jpgसमारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, डेयर और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कहा कि क्षेत्र सं. VIII में कई मसाले और बागानी फसलें प्राकृतिक रुप से पाए जाते हैं। हालांकि इस क्षेत्र में चावल, गन्ना, मूंगफली, नारियल और दालों के रूप में फसलों की उत्पादकता में सुधार हुआ है लेकिन शोधकर्ताओं को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं को इससे संतुष्ट नहीं रहना चाहिए। गन्ना प्रजनन संस्थान, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) और तमिलनाडु पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की सूचना संचार एवं प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पहल की सराहना करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) के संस्थानों में आईटी क्षेत्र की उत्कृष्ट क्षमता के उपयोग की बात कही। उल्लेखनीय है कि 'किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता और छात्रों के लिए उपयोगी सामग्री' भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रमुख मिशन हैं, महानिदेशक ने किसानों को चावल की अभूतपूर्व पैदावार प्राप्त करने एवं फसल उगाने में सहयोग के लिए क्षेत्र VIII के कृषि संस्थानों की सराहना की। डॉ. अय्यप्पन ने कहा कि इस बैठक में चर्चा के प्रमुख विषयों में शुष्क कृषि, द्वीप कृषि, आपदा प्रबंधन, कृषि पारिस्थितिकी पर्यटन, श्रम की कमी और कृषि में युवाओं को बनाए रखना होगा।

इससे पहले, अपने परिचयात्मक टिप्पणी में, डा. के.डी. कोकाटे, उप महानिदेशक, कृषि विस्तार, आईसीएआर ने इस क्षेत्र में एनएआरएस संस्थानों की सूचीबद्ध करते हुए और उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

ICAR-Regional-Committee-meeting-15-06-2012-3_1.jpgश्री दामोदरन ने पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन पर इलैक्ट्रानिक सामग्री को पांच साल के स्नातक पाठ्यक्रम के रुप में तमिलनाडु पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के लिए जारी किया। उन्होंने आईसीएआर की राष्ट्रीय कृषि नवाचार परियोजना (एनएआईपी) के तहत विकसित, ई – सामग्री, मल्टीमीडिया ई - लर्निंग मॉड्यूल, पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान में सीखने के संसाधन और ई - मॉड्यूल को सीडी के रूप में ऑनलाइन और ऑफ़लाइन पहुंचाने के लिए सीडी/ डीवीडी भी जारी किए।

डॉ. पी. सुब्बायन, कार्यकारी कुलपति एवं रजिस्ट्रार, टीएनएयू ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और गन्ना प्रजनन संस्थान के निदेशक डॉ. एन. विजयन नायर और सदस्य सचिव, क्षेत्रीय समिति संख्या VIII ने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।

बागवानी, पशु और राज्य सरकारों और कुलपतियों, कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद संस्थानों / क्षेत्र में स्थित स्टेशनों के निदेशक, कृषि निदेशक, पशुपालन और राज्य सरकारों के मत्स्य पालन के वैज्ञानिकों और आईसीएआर सोसाइटी के सदस्यों ने दो दिन की बैठक में भाग लिया।

(स्रोत: एनएआईपी परियोजना, मास मीडिया, कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय एवं कंसोर्शियम पार्टनर टीएनएयू से प्राप्त सामग्री के आधार पर, कोयंबटूर)

×