राष्ट्रीय कौशल विकास के तहत पशुपालन उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर द्वारा दो सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय कौशल विकास के तहत पशुपालन उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर द्वारा दो सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

13 जून, 2023, अविकानगर

भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर तहसील-मालपुरा जिला-टोंक (राजस्थान) में केड फाउंडेशन उदयपुर व एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर के संयुक्त तत्वाधान में द्वितीय बैच और एचआरडी अविकानगर द्वारा तृतीय बैच के माध्यम से सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (6- 13 जून) का आयोजन किया गया।

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विशिष्ट अतिथि के रूप में, निदेशक, केड फाउंडेशन उदयपुर, श्री मुकेश सुथार, श्री आईबी कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एवं पशु पोषण विभाग के विभागाध्यक्ष, डॉ. रणधीर सिंह भट्ट उपस्थित रहे।

केड फाउंडेशन के निदेशक, श्री मुकेश सुथार ने बताया कि संस्थान के एबीआईसी से जुड़ने के बाद संयुक्त तत्वाधान में द्वितीय बैच का सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शुरुआत के 5 दिन का प्रशिक्षण उदयपुर में संपन्न किया गया जिसमें कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिये गए। दूसरा, कार्यक्रम उदयपुर मे आयोजित किया गया जहां संभाग स्तर के पशु चिकित्सालय उदयपुर के प्रायोगिक विधि तथा व्याख्यान के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित गयाl अंतिम के दो दिन का प्रशिक्षण, केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान में एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर के माध्यम से आयोजित किया गयाl

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कार्यक्रम समापन के अवसर पर संस्थान के निदेशक, डॉ अरुण कुमार तोमर ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान में आत्मनिर्भर भारत में भेड़-बकरी व खरगोश पालन करके आप अपनी आजीविका अर्जन के साथ-साथ देश के लोगो क़ो रोजगार भी दे सकते हैंl डॉ. तोमर ने निवेदन किया कि आप संस्थान की उन्नत तकनीकी एवं उन्नत जर्मप्लाज्म का अपने फार्म पर बढ़ाकर अच्छे पशु के मल्टीप्लायर केन्द्र के रूप में पहचान बनाने के साथ-साथ इसे अन्य किसानों तक पहुंचा सकते हैंl निदेशक ने आग्रह किया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के द्वारा आप भेड़-बकरी और मुर्गी पालन के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा जारी सब्सिडी प्राप्त कर छोटे स्तर पर 25 से 50 पशुओं का व्यवसाय शुरू कर सकते हैंl

वर्तमान में सार्वजनिक चरागाहो के अभाव में व्यवसायिक और वैज्ञानिक भेड़-बकरी पालन स्टॉल फीडिंग विधि से किया जाने लगा है, जिसमें बाड़े पर ही जानवर का उचित पोषण प्रबंधन, चारा प्रबंधन, आवास प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन एवं विभिन्न मौसम आधारित सावधानियों का ध्यान रखते हुए अधिकतम उत्पादन लिया जा रहा हैl

पशु पोषण विभाग के विभागाध्यक्ष, डॉ. रणधीर सिंह भट्ट ने बताया कि पशुओं के पोषण प्रबंधन से समान इनपुट द्वारा भेड़ पालन द्वारा बकरी की उपेक्षा ज्यादा वजन प्राप्त किया जा सकता हैl डॉ. भट्ट ने बताया कि भविष्य में किसानों का अविकानगर संस्थान में स्ववित्तपोषित प्रशिक्षण कार्यक्रम की ओर बढ़ती रुचि को देखकर, आने वाले समय में, भेड़ और बकरी पालन से देश में मांस की पैदावार बढ़ने की काफी उम्माद है।

प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर, कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थी को प्रमाण पत्र प्रदान किया गयाl

कुल 66 प्रशिक्षणार्थी, जो देश के राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा एवं मध्यप्रदेश राज्यों के विभिन्न जिलों से आकर दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रम में भागीदारी कीl

(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर)

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