21 जून, 2023, पूसा, नई दिल्ली
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – 2023 के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि योग भारत की मौलिक परंपरा रही है, इसे वर्षों से ऋषि मुनियों के साथ-साथ आम जन प्रयोग करते आ रहे हैं। महानिदेशक ने कहा कि योग की महत्ता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) ने वर्ष 2014 से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में अपनाया।
डॉ. पाठक ने कहा कि इस वर्ष के योग की थीम, “वसुधैव कुटुम्ब कम्ब” (एक धरा, एक परिवार, एक भविष्य) है। उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में, मानव ही नहीं सभी जीव जन्तु के लिए शांति स्थापित की जा सकती है। महानिदेशक ने योग के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि महर्षि पतंजलि द्वारा प्रतिपादित योग के आठ हिस्से हैं जिसमें प्रथम चार, शारीरिक क्रिया से जुड़ा और बाकी के चार भावात्मक एवं अध्यात्मिक क्रिया से जुड़ा है। इसलिए योग का पूरा लाभ तभी प्राप्त हो सकता है जब शारीरिक व्यायाम के साथ-साथ चित्त (मन) की शांति भी हो।
यह योग दिवस भाकृअनुप तथा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (एनएएससी), पूसा में आयोजित किया गया।
भाकृअनुप संस्थान के उप महानिदेशक, सहायक महानिदेशक, निदेशक, स्टाफ मेंबर तथा उनके परिवार के सदस्य के साथ-साथ छात्र-छात्राओं ने इस योग दिवस में भागीदारी की।
(स्रोतः भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय, नई दिल्ली)
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