भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर के उत्तरी क्षेत्रीय केन्द्र गड़सा , जिला कुल्लू हिमाचल प्रदेश में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के किसानो ने लिया भाग

भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर के उत्तरी क्षेत्रीय केन्द्र गड़सा , जिला कुल्लू हिमाचल प्रदेश में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के किसानो ने लिया भाग

19 अक्टूबर, 2023, अविकानगर

भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केन्द्र, गड़सा, जिला- कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) में आज संस्थान द्वारा संचालित  तीन दिवसीय  प्रशिक्षण कार्यक्रम (19 से 21 अक्टूबर, 2023) "वैज्ञानिक भेड़ एवं खरगोश पालन" के अन्तर्गत  लाहौल-स्पीति एवं कुल्लू जिले के अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के किसानों ने भाग लिया।

भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर ने अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के किसानो के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम किया आयोजित  भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर ने अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के किसानो के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम किया आयोजित

डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कीl निदेशक ने प्रशिक्षण में भाग ले रहे सभी किसानो को सम्बोधन करते हुए वैज्ञानिक तरीके से भेड़ एवं खरगोश पालन करने पर जोर दियाl उन्होंने बताया कि आज पशुपालन उद्यमिता का रूप ले चुका है और लोगों की आय में वृद्धि हो रही है साथ ही उनका आर्थिक स्तर भी बढ़ा है जिससे उसके भोजन प्रणाली में भी बदलाव हो रहा हैl डॉ. तोमर ने इस प्रशिक्षण के माध्यम से पशु में टीकाकरण, पशु-पालन के लिए उतम नस्लों के पशु का चयन, पोषण प्रबंधन, चारा प्रबंधन, विभिन्न  मौसम आधारित बचाव तथा सावधानी करके अधिक से अधिक उत्पादन कर सकते हैं। साथ ही आप राष्ट्रीय पशुधन मिशन के माध्यम से भेड़, बकरी, मुर्गी पालन एवं सूअर पालन में 50 प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त कर अपने पुश्तैनी व्यवसाय को नई उचाई पर ले जा सकते हैं।

डॉ. आर. पुरुषोत्तमाने, अध्यक्ष, उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केन्द्र ने संस्थान द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुए सभी किसानों को निदेशक महोदय की बताई गयी वैज्ञानिक सोच को अपनाने का आग्रह किया।

डॉ. रजनी चौधरी, वैज्ञानिक, क्षेत्रीय केन्द्र ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले से 30 ट्राइबल महिला व पुरुष किसान एवं कुल्लू जिले के 30 अनुसूचित जाति महिला व पुरुष किसान इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे है।

(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान, अविकानगर)

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