25 अक्टूबर, 2023, अविकानगर
भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केन्द्र गड्सा, जिला- कुल्लू, हिमाचल प्रदेश ने अपने 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हीरक जयंती पट्टीका की स्थापना के साथ समारोह का आयोजन किया।
समारोह के मुख्य अतिथि, डॉ. एस.के. गर्ग, कुलपति, राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर थे और कार्यक्रम की अध्यक्षता, डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक, केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर ने की।
विशिष्ट अथिति, डॉ. अनिल कुमार, सहायक महानिदेशक, समन्वयक, भाकृअनुप, नई दिल्ली, तथा डॉ. उमेश सिंह प्रधान वैज्ञानिक केन्द्रीय गौवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ, डॉ. बी.पी. कुशवाहा, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी, उत्तरप्रदेश, डॉ. आर. पुरूशोतम, प्रभारी, गडसा, श्री इन्द्र भूषण कुमार, मुख्य प्रशासीनिक अधिकारी, श्री राज कुमार, मुख्य वित्त अधिकारी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्य अथिति डॉ. गर्ग ने संस्थान के निदेशक के कार्य की प्रशंसा करते हुई केन्द्र में ब्रॉयलर रैबिटरी की स्थापना करने की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश में ही नहीं विदेशों में एक अच्छे पिकनिक स्पॉट के रूप में पहचान बनाए हुए हैं, यहां मांस के लिए खरगोश पालन पहाड़ी लोगो के लिए रोजगार का व्यवसाय बन सकता है। डॉ. गर्ग ने कहा कि केन्द्र की संस्थान प्रबंधन कमेटी द्वारा भविष्य के हिसाब से सेंटर को स्थापित करने के विभिन्न पहलु पर विस्तार से चर्चा की।
डॉ. तोमर ने बताया कि बारिश के मौसम मे इस केन्द्र को काफी नुकसान उठाना पड़ा, इसलिए भविष्य में इस केन्द्र की व्यवस्था को छोटे पशु, भेड़-खरगोश पालन के लिए आमदनी के हिसाब से सभी तरह की सुविधा विकसित हो, इस पर संस्थान कार्य कर रहा है। सभी प्रशिक्षु किसानो को अपने तीन दिवसीय प्रशिक्षण के ज्ञान को अपने फार्म पर लागू कर अपना व्यवसाय को नई ऊंचाई पर ले जाने का आह्वान किया।
हीरक जयंती के समारोह के अवसर पर संस्थान में तीन दिवसीय ट्राइबल सब प्लान एवं अनुसूचित जाति के 60 किसानों की प्रशिक्षण दिया गया।
साथ ही इस अवसर पर 60 किसानो को बैटरी चालित स्प्रे मशीन प्रदान करते हुई केन्द्र में दो नवीनकृत भेड़ के शेडों का भी उद्धघाटन किया गया, केन्द्र के भेड़ एवं खरगोश पालन प्रकाशन का भी विमोचन अथितियों द्वारा किया गया l
केन्द्र के प्रभारी, डॉ. पुरूशोत्तम ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर)
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