29 जनवरी, 2024, हावड़ा
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता के अधिकार क्षेत्र के तहत हावड़ा कृषि विज्ञान केन्द्र में इनपुट डीलरों के लिए कृषि विस्तार सेवाओं में एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम का आज हाइब्रिड मोड में उद्घाटन किया गया।
डिप्लोमा छात्रों को संबोधित करते हुए, डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, अटारी, कोलकाता ने सक्रिय कृषि इनपुट डीलरों को पैरा-एक्सटेंशन पेशेवरों में बदलने और कृषि विस्तार प्रणाली को बढ़ावा देने लिए डिप्लोमा योजना की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि समय के साथ डिप्लोमा के छात्र मिट्टी की उर्वरता के संरक्षण, पानी के कुशल उपयोग तथा आनुवंशिक विविधता के लिए राजदूत के रूप में काम करेंगे, जिससे कम पानी के साथ-साथ कार्बन फुटप्रिंट तथा कृषि आय में सुधार होगा जो अंतिम रूप से कृषक समुदाय की आजीविका में भी सुधार करेगा।
डॉ. मानस कुमार घोष, निदेशक, राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान ने डिप्लोमा प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत की और प्रशिक्षण के माध्यम से सीखने तथा यहां पर उपस्थिति के महत्व जोर दिया, जो डिप्लोमा को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
डॉ. पी. बंदोपाध्याय, विस्तार शिक्षा निदेशक, बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय ने डिप्लोमा कार्यक्रम के महत्व पर जोर दिया।
श्री संदीप मित्रा, सहायक कृषि निदेशक, डोमजूर और श्री सौमेश साहा, सहायक कृषि निदेशक, जगत बल्लवपुर भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।
इस से पहले, डॉ. बारुई, प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, हावड़ा ने पाठ्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में बताया।
कार्यक्रम में 40 कृषि-इनपुट डीलरों सहित कुल 55 व्यक्तियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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