भाकृअनुप-डीडब्ल्यूआर द्वारा पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण के लिए कृषक कार्यशाला एवं प्रक्षेत्र भ्रमण का आयोजन

भाकृअनुप-डीडब्ल्यूआर द्वारा पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण के लिए कृषक कार्यशाला एवं प्रक्षेत्र भ्रमण का आयोजन

23 फरवरी, 2024, जबलपुर

भाकृअनुप-खरपतवार अनुसन्धान निदेशालय (डीडब्ल्यूआर), जबलपुर द्वारा 3 दिवसीय (21- 23 फरवरी) कृषक कार्यशाला-सह-प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

भाकृअनुप-डीडब्ल्यूआर द्वारा पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण के लिए कृषक कार्यशाला एवं प्रक्षेत्र भ्रमण का आयोजन  भाकृअनुप-डीडब्ल्यूआर द्वारा पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण के लिए कृषक कार्यशाला एवं प्रक्षेत्र भ्रमण का आयोजन

कार्यशाला के शुभारम्भ में, डॉ. जे.एस. मिश्र, निदेशक (डीडब्ल्यूआर) ने किसानों को बताया कि आधुनिक कृषि के अन्तर्गत कई ऐसी तकनीकियाँ है जो कम लागत की होती है और फसल उत्पादन बढ़ाने में इनका बहुत बड़ा योगदान होता है, अतः समय की मांग है कि किसान भी इन तकनीकियों की जानकारी रखें, इन्हें अपनाएं और कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाएं।

कार्यक्रम के शुरुआत में, डॉ. पी.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत किया तथा इनके उद्देश्यों से परिचित कराया। डॉ. सिहं ने तकनीकी सत्र में पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण नियम से किसानों को अवगत कराया एवं इसके तहत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में किसानों को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। 

कार्यशाला के तकनीकी सत्र में, डॉ. आर.पी. दुबे, प्रधान वैज्ञानिक ने जैविक खेती एवं श्री अन्न की फसलों का उत्पादन एवं उनमें खरपतवार प्रबंधन पर चर्चा की। श्री अन्न की फसलों में कोदो, कुटकी, संवा, रागी, ज्वार, बाजरा की खेती पर जोर दिया और कहा कि ये फसलें कम लागत वाली है और कम पानी का उपयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

डॉ. वी.के. चौधरी, प्रधान वैज्ञानिक (डीडब्ल्यूआर)ने संरक्षित कृषि के साथ ही अन्य फसलों में खरपतवार प्रबंधन की जानकारी दी।

कार्यशाला में पनागर, पाटन, गोसलपुर, सिहोरा, कुण्डम तथा खुख्खम क्षेत्र के 22 गाँवो के 350 किसानों ने शिरकत की।

(स्रोतः भाकृअनुप-खरपतवार अनुसन्धान निदेशालय, जबलपुर)

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