पीपीवी एंड एफआरए पर जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम

पीपीवी एंड एफआरए पर जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम

15 मार्च, 2016, जोधपुर

भाकृअनुप – कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्‍थान (अटारी), जोधपुर द्वारा आज यहां राजस्‍थान और गुजरात के कृषि विज्ञान केन्‍द्रों के विशेषज्ञों के लिए पौधा किस्‍म एवं कृषक अधिकार अधिनियम 2001 पर एक दिवसीय जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Awareness Programme on PPV&FRA organized by KVK, Baramulla

डॉ. आर.आर. हंचिनाल, अध्‍यक्ष, पौधा किस्‍म एवं कृषक अधिकार अधिनियम तथा समारोह के मुख्‍य अतिथि ने पौधा किस्‍मों और भारत में किसानों द्वारा इनके पंजीकरण की स्थिति के बारे में बोलते हुए कहा कि पौधा प्रजनकों के अधिकारों का संरक्षण करना अनिवार्य है।

डॉ. ओ.पी. यादव, निदेशक, काजरी, जोधपुर एवं समारोह के विशिष्‍ट अतिथि ने किसानों द्वारा स्‍थानीय किस्‍मों का प्रलेखन कराने की आवश्‍यकता बताई। इन्होंने कहा कि गेहूं की स्‍थानीय किस्‍म खर्चिया को कृषि विज्ञान केन्‍द्र, पाली ने दस्‍तोजी रूप दिया है। इन्होंने दोनों राज्‍यों के कृषि विज्ञान केन्‍द्रों से अपील की कि उनके यहां जिला स्‍तर पर किसानों को अपनी किस्‍मों का पंजीकरण कराने की सुविधा दी जाए।

डॉ. एस.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप – कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्‍थान (अटारी), जोधपुर ने कहा कि पौधा किस्‍मों के संरक्षण से बीज उद्योग को प्रगतिकरने की सुविधा मिलेगी और इससे किसानों को उच्‍च गुणवत्‍ता वाले बीजों और रोपण सामग्री की उपलब्‍धता सुनिश्चित होगी।

इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्‍द्रों के लगभग 30 विशेषज्ञों ने भाग लिया।

(स्रोत : भाकृअनुप – कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्‍थान (अटारी), जोधपुर)

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