भाकृअनुप – शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय (DCFR), भीमताल तथा भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान(CIFT), कोच्चि द्वारा संयुक्त रूप से दिनांक 2 – 3 मार्च, 2016 को देहरादून में जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत ‘प्रसंस्करण के माध्यम से ताजा जल मत्स्य का मूल्य वर्धन’ विषय पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रयोजन लघुस्तरीय उद्यमशीलता की पहल करके जनजातीय महिलाओं में आजीविका सहयोग के लिए जागरूकता पैदा करने हेतु मत्स्य से मूल्य वर्धित उत्पादों को तैयार करने और पकड़ने के उपरांत उनकी संभाल करने के लिए प्रोटोकॉल का प्रदर्शन करना था।
श्री एन.एस. नपालचयाल, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार और अनुसूचित जनजातिआयोग, उत्तराखंड सरकार ने अपने उद्घाटन सम्बोधन में जनजातीय उपयोजना के तहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। इन्होंने लघुस्तरीय उद्यमशीलता के माध्यम से आय का सृजन करने के लिए स्वंसहायता समूह बनाने का अनुरोध किया।
इससे पहले डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप – शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय (DCFR), भीमताल ने अतिथिगणों का स्वागत किया और प्रशिक्षण कार्यक्रम की संक्षिप्त जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में भूटिया और बोक्शा समुदाय की लगभग 73 जनजातीय महिलाओं ने भाग लिया।
(स्रोत : भाकृअनुप – शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय (DCFR), भीमताल )
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